सिनेमेटोग्राफर (Cinematographer) कैसे बनें?

नमस्कार! दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि सिनेमेटोग्राफर कैसे बनें? अगर आपको फिल्म इंडस्ट्री में फिल्म मेकिंग यूनिट्स के साथ काम करने में रुचि है तो इसके लिए आपको फिल्म के सीन को मोशन पिक्चर कैमरा की हेल्प से शूट करना होता है। यहां बता दें कि यह क्षेत्र उन लोगों के लिए बहुत ही बेहतरीन है जिन्हें लाइटिंग के हिसाब से कैमरे का इस्तेमाल करना आता है।

कुछ छात्र इस फील्ड में जाने के लिए कोर्स भी करते हैं तो वहीं कुछ अपनी योग्यता के आधार पर डायरेक्ट ही काम करना शुरू कर देते हैं। लेकिन अगर आप सिनेमेटोग्राफर बनना चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है कि आपको इस इंडस्ट्री के बारे में सारी जानकारी होनी चाहिए। तो सारी जानकारी जानने के लिए हमारे आज के इस आर्टिकल को सारा पढ़ें और जानें पूरी प्रक्रिया के बारे में। 

सिनेमेटोग्राफर क्या होता है (what is Cinematographer in Hindi) 

सबसे पहले आपको जानकारी दे दें कि सिनेमैटोग्राफर एक ऐसा प्रोफेशनल होता है जो किसी भी फिल्म को बनाने में बहुत ही इंपॉर्टेंट टेक्निशियनों में से एक है। यहां आपको बता दें कि इसका काम किसी भी सीन को शूट करने के अलावा उसकी कंपोजिंग करना भी होता है।

इस तरह से वह डायरेक्टर के साथ मिलकर प्री- प्रोडक्शन स्टेट से शूट की प्लानिंग भी करता है। आपको यह तो पता ही होगा कि हमारी इंडियन फिल्म इंडस्ट्री ने अपनी एक काफी सक्सेसफुल एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के तौर पर दुनिया भर में पहचान बना ली है। इसी वजह से आज इस क्षेत्र में एक अच्छे सिनेमैटोग्राफर की जरूरत और डिमांड काफी बढ़ गई है। 

Also read: आर्टिस्ट (Artist) कैसे बनें?

सिनेमेटोग्राफर बनने के लिए प्रक्रिया क्या है

जो कैंडिडेट सिनेमैटोग्राफर बनना चाहते हैं इसके लिए उन्हें वैसे तो किसी एजुकेशनल क्वालीफिकेशन की जरूरत नहीं होती क्योंकि कैंडिडेट का स्किल ही उसके लिए मोस्ट इंपोर्टेंट है पर फिर भी हम यही कहेंगे कि सबसे पहले छात्र को चाहिए कि वह अपनी 12वीं कक्षा पास कर ले और उसके बाद वह सिनेमैटोग्राफी में डिप्लोमा कर ले या अगर वह चाहे तो इससे संबंधित क्षेत्र में ग्रेजुएशन की डिग्री भी हासिल कर सकता है। तो इस प्रकार से अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद वह एक सिनेमैटोग्राफर के तौर पर काम कर सकता है। 

योग्यता

  • कैंडिडेट ने कम से कम 12वीं कक्षा पास की हो।
  • छात्र ने सिनेमैटोग्राफी में एडवांस डिप्लोमा कोर्स किया होना चाहिए।
  • या फिर कैंडिडेट ने सिनेमेटोग्राफी में बीए की डिग्री हासिल कर रखी हो।
  • या कैंडिडेट ने फोटोग्राफी एंड सिनेमेटोग्राफी में बीएससी की हो।
  • कैंडिडेट के कम्युनिकेशन स्किल्स काफी अच्छे होने चाहिए।
  • उसे कैमरा यूज़ करने की और लेंस के बारे में भी जरूरी जानकारी होनी चाहिए।
  • उसकी इमेजिनेशन पावर काफी स्ट्रांग होनी चाहिए और साथ ही साथ क्रिएटिविटी जैसे स्किल का भी उसके अंदर होना जरूरी है। 
  • छात्र को कंप्यूटर के साथ-साथ अंग्रेजी की नॉलेज भी होनी जरूरी है। 

आयु सीमा 

  • इच्छुक उम्मीदवार की आयु कम से कम एडमिशन के समय 17 से लेकर 18 साल तक के बीच में होनी चाहिए।
  • ऐसे छात्र जो किसी आरक्षित श्रेणी से संबंध रखते हैं उन्हें आयु सीमा में छूट सरकार के नियम अनुसार दी गई है। 

सिनेमेटोग्राफर बनने के कैरियर संभावनाएं क्या है 

जब कोई कैंडिडेट सिनेमेटोग्राफर बन जाता है तो उसके सामने कैरियर के बहुत सारे ऑप्शन आ जाते हैं जहां पर वह काम कर सकता है जैसे कि –

  • कैंडिडेट मीडिया हाउस में काम कर सकता है।
  • बिग फिल्म हाउस में काम कर सकता है।
  • फिल्म हाउस में कैंडिडेट असिस्टेंट टेक्नीशियन के तौर पर काम कर सकता है।
  • किसी भी फिल्म के लिए डायरेक्टर के साथ मिलकर मोशन ग्राफिक कैमरे की सहायता से शूट करने का  काम करता है।

वेतन 

जब कोई कैंडिडेट सिनेमेटोग्राफर बन जाता है तो उसे उसके कैरियर की शुरुआत में असिस्टेंट के तौर पर काम करने का मौका मिलता है जहां पर उसे शुरू में 30,000 से लेकर 40,000 रुपए तक का सैलरी पैकेज मिल जाता है। इस तरह से जब उसे कुछ अनुभव हासिल हो जाता है तो उसके बाद वह अपने एक्सपीरियंस और योग्यता के आधार पर काफी ज्यादा पैसे कमा सकता है क्योंकि इस क्षेत्र में उसकी अर्निंग पूरी तरह से उसके क्रिएटिव स्किल्स और उसकी मेहनत के ऊपर डिपेंड करती है।

सिनेमेटोग्राफर के कार्य 

जो कैंडिडेट सिनेमेटोग्राफर के तौर पर काम करते हैं उन्हें अपने पद पर रहते हुए काफी महत्वपूर्ण कार्य करने पड़ते हैं जिनकी जानकारी हम निम्नलिखित दे रहे हैं – 

  • किसी भी फिल्म के सीन को कंपोजिंग करने और शूट करने की जिम्मेदारी होती है और वह यह भी डिसाइड करता है कि लाइटिंग और कैमरा किस एंगल में होना चाहिए।
  • फिल्म शूट के लिए डायरेक्टर की रिक्वायरमेंट के अनुसार मोशन कैमरा से शूट करता है।
  • कैमरा और लाइटिंग टीम को गाइड करने के साथ-साथ प्री- प्रोडक्शन स्टेज शो से जुड़े हुए शूट करवाना।
  • कैमरामैन को इंस्ट्रक्शन देकर ठीक तरह से काम करवाना और यह देखना कि वह कैमरे को ठीक तरह से ऑपरेट कर रहा है या नहीं। 
  • किसी भी फिल्म की फाइनल इमेज सिनेमेटोग्राफर डायरेक्टर को प्रस्तुत करता है। 

निष्कर्ष

दोस्तों यह था हमारा आज का आर्टिकल सिनेमेटोग्राफर कैसे बनें? इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको जानकारी दी कि सिनेमेटोग्राफर क्या होता है और इसके बनने के लिए किसी कैंडिडेट में कितनी योग्यता की आवश्यकता होती है। साथ ही साथ हमने आपको यह भी जानकारी दी कि जो कैंडिडेट इस इंडस्ट्री में जाना चाहते हैं उसके लिए पूरी प्रक्रिया क्या रखी गई है एवं हमने यह भी बताया कि इस क्षेत्र में काम करने वाले कैंडिडेट को हर महीने कितने रुपए तक का वेतन मिल सकता है।

इसके अलावा इस पोस्ट में हमने आपको यह जानकारी भी दे दी है कि सिनेमेटोग्राफर बन जाने के बाद कैंडिडेट को क्या-क्या काम करने पड़ते हैं। वैसे अगर किसी कैंडिडेट को केमरा और लाइटिंग की दुनिया पसंद है तो वह इस क्षेत्र में काफी सक्सेसफुल कैरियर आसानी के साथ बना सकता है।

अंत में हमारी आपसे बस यही रिक्वेस्ट है कि अगर आपको हमारा यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें जो 12वीं के बाद सिनेमेटोग्राफर बनना चाहते हैं।

Deepak Kumar

मेरा नाम दीपक कुमार हैं। मैं एक ऑथर और फाउंडर हूँ जो padhaiwale.in ब्लॉग वेबसाइट को चलाते है। मैं एक SEO Expert भी हूँ और मैं 10 साल से काम कर रहे हैं। मुझे SEO में Onpage SEO, Offpage SEO और Technical SEO का अनुभव हैं।

Leave a Reply