नमस्कार! दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा कोर्स (Diploma in Plastic Technology) कैसे करें पूरी जानकारी। प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी आज एक काफी हाई डिमांड वाली इंडस्ट्री बन चुकी है जिसमें आज ज्यादा से ज्यादा छात्र अपना कैरियर बनाना चाहते हैं। यहां बता दें कि इसके लिए छात्रों का बहुत ज्यादा क्वालिफाइड होना जरूरी नहीं है और यही वजह है कि जो कैंडिडेट पढ़ाई लिखाई में ज्यादा अच्छे नहीं होते वह इस फील्ड में काफी शानदार भविष्य बना सकते हैं इस फील्ड में काफी शानदार भविष्य बना सकते हैं।
अगर आप भी प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी में अपना कैरियर बनाने में इच्छुक हैं तो हमारे आज के इस आर्टिकल को सारा पढ़ें और जानें कि आप किस प्रकार से इस फील्ड में जा सकते हैं।
प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी कोर्स क्या है? (What is diploma in plastics technology in Hindi)
यहां सबसे पहले जानकारी के लिए बता दें कि प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी का डिप्लोमा एक ऐसा कोर्स है जिसके अंतर्गत छात्रों को हर प्रकार की प्लास्टिक को डिजाइन करना, मैन्युफैक्चरिंग करना, प्रोसेसिंग करना सिखाया जाता है। बता दें कि छात्रों को प्लास्टिक प्रोसेसिंग प्लांट्स को इस्तेमाल करने के लिए ट्रेनिंग भी दी जाती है जिससे कि वह कई प्रकार की प्लास्टिक मशीनों को ठीक प्रकार से ऑपरेट कर सकें।
अवधि (duration)
अगर आप यह कोर्स करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको जानकारी दे दें कि इसकी अवधि 3 साल तक की होती है। इस प्रकार हर साल की परीक्षा ली जाती है और जब वह प्रत्येक परीक्षा में पास हो जाता है तो उसे डिप्लोमा दे दिया जाता है।
प्रवेश परीक्षा
प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा कोर्स करने के लिए छात्रों को आमतौर पर कुछ कॉलेजों में डायरेक्ट एडमिशन मिल जाता है। तो वही कुछ कॉलेजों में मेरिट बेस्ड एडमिशन दिया जाता है। यहां बता दें कि इसके लिए जो सरकारी कॉलेज है वहां पर एंट्रेंस एग्जाम रखा गया है। बता दें कि प्रवेश परीक्षा में पास होने के बाद ही कैंडिडेट को गवर्नमेंट कॉलेजेस में दाखिला मिल सकता है।
प्रवेश प्रक्रिया
हमारे देश भारत में ऐसे बहुत सारे पॉलिटेक्निक्स और टेक्निकल एजुकेशन और इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट्स हैं जहां पर छात्रों को प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी के डिप्लोमा कोर्स में दाखिला मिल जाता है। यहां बताते चलें कि कैंडिडेट को चाहिए कि सबसे पहले वह अपनी दसवीं कक्षा पास कर लें और उसके बाद एडमिशन ओपन होने पर कैंडिडेट को अपने चुने हुए इंस्टिट्यूट में जाकर एडमिशन फॉर्म भरना होता है।
यहां बता दें कि आमतौर पर सभी संस्थानों में अब कैंडिडेट को दाखिला उनके दसवीं कक्षा के अंकों के ऊपर निर्भर होता है। लेकिन अगर कोई कैंडिडेट किसी गवर्नमेंट कॉलेज से अपना कोर्स करना चाहता है तो तब उसको एंट्रेंस एग्जाम में भाग लेना होता है।
योग्यता
प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी का डिप्लोमा कोर्स करने के लिए छात्रों में निम्नलिखित योग्यता का होना अत्यंत जरूरी है जो कि इस प्रकार से है –
- छात्र ने किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कम से कम 10 वीं कक्षा विज्ञान और मैथमेटिक्स विषय के साथ पास की होनी चाहिए।
- दसवीं कक्षा में छात्र के 35% तक अंक होने चाहिएं।
फीस (fees)
जो कैंडिडेट प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी का डिप्लोमा कोर्स करना चाहते हैं है इसके लिए जो फीस देनी पड़ती है वह पूरी तरह से कॉलेज के ऊपर निर्भर करती है। यहां बता दें कि अगर कैंडिडेट का दाखिला किसी सरकारी कॉलेज में होता है तो तब उसे कम फीस देनी होती है और निजी कॉलेज में दाखिला होने पर अधिक फीस देनी पड़ती है। यहां हम आपको एक अनुमान देने के लिए बता देते हैं कि इस कोर्स को करने के लिए छात्रों को 30 हजार रुपए से लेकर 2 लाख रुपए तक की फीस का भुगतान करना पड़ सकता है।
भारत में प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी कोर्स करने के लिए कॉलेज (College to do plastics technology course in India)
भारत में प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी मे डिप्लोमा कोर्स करने के लिए बहुत सारे कॉलेज हैं जहां पर छात्र अपना दाखिला ले सकते हैं जैसे कि –
- इंटीग्रेटेड इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन टेक्नोलॉजी हैदराबाद (Integrated Institute of Education Technology Hyderabad)
- सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ प्लास्टिक्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी वडोदरा (Central Institute of plastics engineering and Technology Vadodara)
- सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ प्लास्टिक्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी भुवनेश्वर (Central Institute of plastics engineering and Technology Bhubaneswar)
- सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ प्लास्टिक्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी चेन्नई (Central Institute of plastics engineering and Technology Chennai)
- आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi)
- छोटू राम पॉलिटेक्निक रोहतक हरियाणा (Chhotu Ram Polytechnic Rohtak Haryana)
- निरमा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी अहमदाबाद गुजरात (Nirma Institute of Technology Ahmedabad Gujarat)
- गोविंद वल्लभ पंत पॉलिटेक्निक ओखला (Govind vallabh pant Polytechnic Okhla)
- इंस्टिट्यूट ऑफ़ रूरल टेक्नोलॉजी इलाहाबाद (Institute of rural technology Allahabad)
- गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक नासिक (Government Polytechnic Nashik)
प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी कोर्स का पाठ्यक्रम/ सब्जेक्ट्स क्या-क्या है (What are the syllabus / subjects of plastic technology course)
प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी का डिप्लोमा कोर्स करने के दौरान छात्रों को निम्नलिखित सिलेबस पढ़ाया जाता है जो कि इस प्रकार से है –
प्रथम वर्ष का सिलेबस (first year’s syllabus)
- प्रोफेशनल कम्युनिकेशन (professional communication)
- अप्लाइड मैथमेटिक्स l (Applied mathematics l)
- अप्लाइड फिजिक्स (Applied physics)
- अप्लाइड केमिस्ट्री (Applied chemistry)
- इंजीनियरिंग ड्राइंग (Engineering drawing)
- अप्लाइड मैकेनिक्स (Applied mechanics)
- एलीमेंट्री वर्कशॉप टेक्नोलॉजी (Elementary workshop technology)
- वर्कशॉप प्रैक्टिस (Workshop practice)
- फील्ड एक्स्पोज़र l (Field exposure l)
द्वितीय वर्ष का सिलेबस (second year’s syllabus)
- अप्लाइड मैथमेटिक्स ll (applied mathematics ll)
- हाइड्रोलिक्स एंड न्यूमेटिक्स (Hydraulics and pneumatics systems)
- मेट्रोलॉजी एंड मेजरिंग इंस्ट्रूमेंट (Metrology and measuring instruments)
- प्लास्टिक प्रोसेस टेक्निक्स l (Plastic process techniques l)
- डिजाइन ऑफ डाइस एंड मोल्ड्स l (Design of dies and moulds l)
- मेटेरियल एंड मेटालर्जी (Material and metallurgy)
- प्लास्टिक मैटेरियल्स (Plastics materials)
- बेसिक्स ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (Basics of information Technology)
- इलेक्ट्रिकल टेक्नोलॉजी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स (Electrical technology and electronics)
- हाइड्रॉलिक्स एंड न्यूमेटिक ऐप (Hydraulics and pneumatic lab)
- मेट्रोलॉजी एंड मेजरिंग इंस्ट्रूमेंट्स लैब (Metrology and measuring instruments lab)
- मैटेरियल्स एंड मेटालर्जी लैब (Materials and metallurgy lab)
- प्लास्टिक प्रोसेस टेक्निक्स लैब (Plastic process techniques lab)
तृतीय वर्ष का सिलेबस (third year’s syllabus)
- एनवायरमेंटल एंड पोलूशन इन प्लास्टिक इंडस्ट्रीज (Environmental and pollution in plastic industries)
- प्रोसेस टेक्निक्स ll (Process techniques ll)
- इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट (Industrial management)
- एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट (Entrepreneurship development)
- डिजाइन ऑफ डाईज एंड मोल्ड्स ll (Design of dies and moulds ll)
- प्लास्टिक टेस्टिंग एंड क्वालिटी कंट्रोल (Plastic testing and quality control)
- फील्ड एक्स्पोज़र ll (Field exposure ll)
- प्रोजेक्ट (Project)
- प्लास्टिक प्रोसेस ll लैब (Plastic process ll lab)
- एनवायरमेंटल एंड पोलूशन लैब (Environmental and pollution lab)
- डिजाइन ऑफ डाईज एंड मोल्ड्स लैब ll (Design of dies and moulds lab ll)
- प्लास्टिक टेस्टिंग एंड क्वालिटी कंट्रोल लैब (Plastic testing and quality control lab)
- कंप्यूटर ऐडेड मोल्ड्स डिजाइन (Computer-aided moulds design)
प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी कोर्स के बाद कैरियर संभावनाएँ क्या है (What are the career prospects after plastics technology course)
प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी का कोर्स जो कैंडिडेट सफलतापूर्वक कर लेते हैं उनके सामने कैरियर के बहुत से बेहतरीन मौके होते हैं जहां वह काम कर सकता है जैसे कि –
- रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन्स (Research and development organisations)
- डेवलपमेंट एंड प्रोडक्शन ऑफ प्लास्टिक मैटेरियल्स (Development and production of plastic materials)
- इन क्वालिटी कंट्रोल ऑफ प्लास्टिक प्रोडक्ट्स (In quality control of plastic products)
- पैकेजिंग इंडस्ट्री (packaging industry)
- कॉलेजिस एंड यूनिवर्सिटीज़ (colleges and universities)
- इंस्टिट्यूट्स (Institutes)
वेतन (salary)
प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी मे डिप्लोमा कोर्स सफलतापूर्वक करने के बाद उम्मीदवारों को उनके कैरियर की शुरुआत में ही अच्छा वेतन मिल जाता है जो कि 15,000 रुपए से लेकर 30,000 रुपए तक हो सकता है। साथ ही बताते चलें कि कुछ वर्षों का अनुभव होने के बाद कैंडिडेट को इससे भी ज्यादा का सैलरी पैकेज मिल सकता है।
प्राइवेट सेक्टर में जॉब्स (Jobs in private sector after)
प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी की पढ़ाई करने के बाद उम्मीदवारों के सामने प्राइवेट सेक्टर में कई प्रकार की जॉब करने के मौके अवेलेबल होते हैं जैसे कि –
- प्रोजेक्ट इंजीनियर (Project engineer)
- इंडस्ट्रियल इंजीनियर (Industrial engineer)
- प्रोडक्ट डिजाइन इंजीनियर (Product design engineer)
- इंजीनियर (Engineer)
- क्वालिटी कंट्रोल इंजीनियर (Quality control engineer)
- प्लास्टिक पार्ट मोल्ड डिजाइन इंजीनियर (Plastic part mould design engineer)
- आर एंड डी (R and D)
- परचेज एग्जीक्यूटिव (Purchase executive)
- टीचर (Teacher)
- लेक्चरर (Lecturer)
गवर्नमेंट सेक्टर में जॉब्स (Jobs in government sector)
प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी का 3 वर्षीय डिप्लोमा कोर्स करने के बाद उम्मीदवारों को गवर्नमेंट सेक्टर में भी नौकरी के चांस मिल जाते हैं। यहां बताते चलें कि हर साल संबंधित क्षेत्र में सरकारी विभागों में नौकरियां निकलती हैं जहां पर कैंडिडेट अप्लाई कर सकते हैं।
निष्कर्ष
दोस्तों यह था हमारा आज का आर्टिकल प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा कोर्स (diploma in plastics technology) कैसे करें पूरी जानकारी। इस लेख के माध्यम से हमने आपको जानकारी दी कि प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी कोर्स क्या होता है और इसकी अवधि कितनी होती है। साथ ही हमने आपको यह भी बताया कि इस कोर्स को करने के लिए प्रवेश परीक्षा और प्रवेश प्रक्रिया क्या होती है। साथ ही हमने यह जानकारी भी दी कि प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा करने के लिए कैंडिडेट में कितनी योग्यता का होना अनिवार्य है एवं इसके लिए छात्रों को कितने रुपए तक की फीस देनी होती है।
इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको यह भी जानकारी दी कि भारत में प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी मैं डिप्लोमा कोर्स करने के लिए कौन कौन से कॉलेज अच्छे हैं और वहां पर पढ़ाए जाने वाले सिलेबस के बारे में भी हमने आपको बताया। साथ ही हमने आपको यह भी बताया कि जो कैंडिडेट इस कोर्स को पूरा कर लेते हैं तो उसके बाद उनके सामने प्राइवेट और गवर्नमेंट सेक्टर में कैरियर की क्या-क्या संभावनाएं हो सकती हैं। अंत में हमारी आपसे बस यही रिक्वेस्ट है कि अगर आपको हमारा यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें ताकि वह भी प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी में अपना कैरियर बना सकें।