नमस्कार! दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स (diploma in production engineering) कैसे करें पूरी जानकारी। मौजूदा समय में प्रोडक्शन इंजीनियरिंग का क्षेत्र भी छात्रों के बीच काफी अधिक फेमस हो रहा है और 12वीं के बाद इस इंडस्ट्री में अनेकों छात्र अपना कैरियर बनाना चाहते हैं।
यहां बता दें कि यह एक ऐसी फील्ड है जिसमें काम करने के लिए कैंडिडेट को संबंधित क्षेत्र में डिप्लोमा हासिल करना होता है। अगर आप भी एक साइंस स्टूडेंट है और 12वीं कक्षा में पढ़ रहे हैं तो इस क्षेत्र में आप अपना कैरियर बना सकते हैं। इसके बारे में सारी जानकारी हासिल करने के लिए हमारे आज के इस आर्टिकल को सारा पढ़ें और जानें सभी महत्वपूर्ण बातें।
प्रोडक्शन इंजीनियरिंग कोर्स क्या है? (What is diploma in production engineering in Hindi)
यहां सबसे पहले जानकारी के लिए बता दें कि प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा एक ऐसा कोर्स है जिसमें छात्रों को यह ट्रेनिंग दी जाती है कि व्यापार दक्षता में सुधार लाने के लिए कौन सी तकनीको और तरीकों को लागू किया जाता है। इसके अलावा माल के साथ-साथ सेवाओं के प्रोडक्शन, प्रोडक्ट डिजाइन, प्रबंधन एवं सुधार करना इस कोर्स के अंतर्गत ही आते हैं। यहां बता दें कि इस पाठ्यक्रम को पूरा करने के बाद उम्मीदवार संबंधित इंडस्ट्री में रोजगार के अनेकों अवसर पा सकते हैं।
अवधि (duration)
अब यहां आपको हम बता दें कि अगर आप प्रोडक्शन इंजीनियरिंग कोर्स में डिप्लोमा करना चाहते हैं तो जानकारी दे दें कि यह 3 वर्षीय अवधी का कोर्स होता है। जब 3 साल के इस कोर्स को कैंडिडेट सफलतापूर्वक पास कर लेते हैं तो उन्हें फिर प्रोडक्शन इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नौकरी मिल जाती है।
प्रवेश परीक्षा
प्रोडक्शन इंजीनियरिंग कोर्स में डिप्लोमा हासिल करने के लिए छात्रों को कॉलेजों या यूनिवर्सिटीज़ के द्वारा आयोजित करवाए जाने वाले रिटन टेस्ट में भाग लेना होता है। जब प्रवेश परीक्षा में छात्र पास हो जाते हैं तो फिर उन्हें उनके पसंदीदा कॉलेज में दाखिला मिल जाता है। साथ ही बताते चलें कि कुछ कॉलेजों में और प्राइवेट संस्थानों में छात्रों को बिना एंट्रेंस एग्जाम के भी दाखिला मिल जाता है।
प्रवेश प्रक्रिया
अब यहां आपको बता दें कि प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स करने के लिए एडमिशन प्रोसेस हर कॉलेज या यूनिवर्सिटी की अलग-अलग होती है। यहां आपको जानकारी दे दें कि सबसे पहले कैंडिडेट को अपनी 12वीं कक्षा पास करनी होती है और उसके बाद उसे एडमिशन ओपन होने पर अपना रजिस्ट्रेशन करना होता है। फिर अगर उस कॉलेज में रिटन टेस्ट देने के बाद दाखिला मिलने की प्रक्रिया है तो छात्रों को उसमें शामिल होना पड़ता है। प्रवेश परीक्षा में पास होने के बाद फिर छात्रों को एक पर्सनल इंटरव्यू में भाग लेना होता है जिसके बाद फाइनल सिलेक्शन की प्रक्रिया शुरू होती है।
इस प्रकार से जो सबसे योग्य छात्र होते हैं उनको दाखिला दे दिया जाता है। इसके अलावा जो प्राइवेट कॉलेज हैं वहां पर छात्रों को 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर दाखिला मिल जाता है। लेकिन ध्यान रखें कि निजी संस्थानों में आपको ज्यादा फीस देनी पड़ सकती है।
योग्यता
प्रोडक्शन इंजीनियरिंग कोर्स करने के लिए किसी भी कैंडिडेट में जो योग्यताएं होनी चाहिए उनकी जानकारी निम्नलिखित इस प्रकार से हैं –
- छात्र ने कम से कम 12वीं कक्षा या उसके समकक्ष पास किया होना चाहिए।
- 12वीं कक्षा में कैंडिडेट ने विज्ञान विषय में पढ़ाई की हो। फिजिक्स केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स जैसे सब्जेक्ट कैंडिडेट के पास 12वीं में होने चाहिए।
- कैंडिडेट की कम से कम परसेंटेज 50% होनी चाहिए। कुछ कॉलेजों में यह परसेंटेज अलग-अलग भी हो सकती है।
फीस (fees)
अब आपको यहां हम बता दें कि प्रोडक्शन इंजीनियरिंग कोर्स में डिप्लोमा हासिल करने के लिए छात्रों को जो फीस देनी पड़ती है वह डिपेंड करती है हर कॉलेज पर। यहां यह भी जानकारी दे दें कि निजी संस्थान में अगर आप दाखिला लेते हैं तो वहां पर आपको ज्यादा फीस देनी होती है। इस प्रकार से अगर देखा जाए तो इस पाठ्यक्रम की फीस 15 हजार से लेकर दो लाख रुपए तक हो सकती है। लेकिन सही फीस के भुगतान के बारे में आपको एडमिशन के दौरान ही पता चलता है।
भारत में प्रोडक्शन इंजीनियरिंग कोर्स करने के लिए कॉलेज (College to do production engineering course in India)
भारत में प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स करने के लिए अनेकों कॉलेज हैं जहां पर उत्कृष्ट पढ़ाई करवाई जाती है जैसे कि –
- एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा (Amity University Noida)
- एमआईटी पुणे (MIT Pune)
- एससीडीएल पुणे (SCDL Pune)
- एआईआईएमएस चेन्नई (AIIMAS Chennai)
- सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ टूल डिजाइन बाला नगर हैदराबाद (Central Institute of tool design balanagar Hyderabad)
- राजश्री इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी बरेली (Rajshree Institute of management and Technology Bareilly)
- संस्कृति यूनिवर्सिटी मथुरा (Sanskriti University Mathura)
- मुंबई म्यूजिक इंस्टीट्यूट मुंबई (Mumbai music Institute Mumbai)
- आईआईएमटी ग्रुप ऑफ़ कॉलेजेस ग्रेटर नोएडा (IIMT group of colleges greater Noida)
- श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ (Shri ramswaroop memorial University Lucknow)
प्रोडक्शन इंजीनियरिंग कोर्स का पाठ्यक्रम/ सब्जेक्ट्स क्या-क्या है (What are the syllabus / subjects of production engineering course)
प्रोडक्शन इंजीनियरिंग कोर्स के तहत कैंडिडेट को जो सिलेबस पढ़ाया जाता है उसके बारे में जानकारी इस प्रकार से है –
- मैथमेटिक्स (Mathematics)
- फिजिक्स (Physics)
- डिजाइन थिंकिंग (Design thinking)
- एनवायरमेंटल स्टडीज (Environmental studies)
- इंजीनियरिंग मैकेनिक्स (Engineering mechanics)
- वर्कशॉप टेक्नोलॉजी (Workshop technology)
- इंजीनियरिंग ग्रैफिक्स (Engineering graphics)
- बेसिक इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स (Basic electrical and electronics)
- स्ट्रैंथ आफ मैटेरियल्स (Strength of materials)
- मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी (Manufacturing technology)
- मैटेरियल साइंस (Material science)
- मैकेनिकल मेजरमेंट एंड मेट्रोलॉजी (Mechanical measurement and metrology)
- प्रोडक्शन प्लैनिंग एंड कंट्रोल (Production planning and control)
- मेटल कटिंग एंड टूल डिजाइन (Metal cutting and tool design)
- मेटल फॉर्मिंग (Metal forming)
प्रोडक्शन इंजीनियरिंग कोर्स के बाद कैरियर संभावनाएँ क्या है (What are the career prospects after production engineering course)
प्रोडक्शन इंजीनियरिंग का डिप्लोमा कोर्स करने के बाद योग्य उम्मीदवारों के सामने कैरियर की बहुत सारी संभावनाएं होती हैं जहां वह काम कर सकते हैं जैसे कि –
- अंतंत एक्सेस (Antant access)
- डॉक्टर केलकर कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड (Dr kelkar consultants Private Limited)
- जेपी ग्रुप (Jaypee group)
- अजय कदम एसोसिएशन (Ajay kadam association)
- सिंपलेक्स प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (Simplex projects Limited)
- लार्सन एंड टूब्रो (Larsen and toubro)
- वेदकर एंड एसोसिएट्स (Vedakar and associates)
- मार्को मार्बल इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड (Marco Marvel infrastructure corporation Ltd)
- हीरानंदानी कंसल्टेशन प्राइवेट लिमिटेड (Hiranandani consultation Pvt ltd)
- बालाजी रेलरोड सिस्टम्स लिमिटेड (Balaji railroad systems Ltd)
- आरडीएस प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (RDS projects Ltd)
वेतन (salary)
प्रोडक्शन इंजीनियर बनने के बाद कोई भी कैंडिडेट जो वेतनमान हासिल कर सकता है वह उसकी योग्यता के ऊपर और कंपनी के ऊपर डिपेंड करता है। यहां आपको बता दें कि इस इंडस्ट्री में काम करने वाले उम्मीदवारों को हर महीने कैरियर की शुरुआत में 20,000 से लेकर 40,000 तक का सैलरी पैकेज मिल सकता है। जब कुछ वर्षों का अनुभव कैंडिडेट को हो जाता है तो तब उसके वेतनमान में और भी ज्यादा बढ़ोतरी हो जाती है।
प्राइवेट सेक्टर में जॉब्स (Jobs in private sector after)
प्रोडक्शन इंजीनियरिंग का डिप्लोमा कोर्स करने के बाद कैंडिडेट को प्राइवेट सेक्टर में अनेकों तरह की नौकरी करने की अपॉर्चुनिटी मिल जाती है जहां पर वह निम्नलिखित पोजीशन पर काम कर सकता है –
- असिस्टेंट सेल्स मैनेजर (assistant sales manager
- ऑपरेशन मैनेजर (Operations manager)
- टेक्निकल असिस्टेंट (technical assistant)
- इनफार्मेशन असिस्टेंट (Information assistant)
- डिजाइन असिस्टेंट (Design assistant)
- इलेक्ट्रिकल इंजीनियर (Electrical engineer)
- ऑपरेशंस एग्जीक्यूटिव (Operations executive)
- सेल्स मैनेजर (Sales manager)
- अकाउंट असिस्टेंट (Accounts assistant)
- प्रोफेसर एंड लेक्चरर (Professor and lecturer)
- गेस्ट टूरिज्म मैनेजर (Guest tourism manager)
- होटल मैनेजमेंट ट्रेनी (Hotel management trainee)
- रिलेशनशिप मैनेजर (Relationship manager)
- कंट्रोल एंड इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियर (Control and instrumentation engineer)
- ब्रॉडकास्ट इंजीनियर (Broadcast engineer)
- असिस्टेंट मैनेजर (Assistant manager)
गवर्नमेंट सेक्टर में जॉब्स (Jobs in government sector)
जिस प्रकार से प्राइवेट सेक्टर में कैंडिडेट को अनेकों प्रकार की नौकरी करने के अवसर मिलते हैं ठीक इसी तरह से गवर्नमेंट सेक्टर में भी योग्य उम्मीदवारों को जॉब मिल जाती है जहां पर वह काम कर सकते हैं जैसे कि –
- पावर प्लांट्स (Power plants)
- रियल एस्टेट सोसाइटी (Real estate societies)
- गवर्नमेंट ट्रांसपोर्टेशन (Government Transportation)
- डिफेंस फोर्सेस (Defence forces)
- कंस्ट्रक्शन फर्म्स (Construction firms)
- मुंसिपल डिपार्टमेंट्स (Municipal departments)
- डेवलपमेंट बोर्ड्स (Development boards)
- गवर्नमेंट कॉलेजेस एंड यूनिवर्सिटीज (Government colleges and universities)
- इंडस्ट्रियल प्लांट एंड बिल्डिंग कंसलटेंसी फर्म्स (Industrial plants and building consultancy firms)
निष्कर्ष
दोस्तों यह था हमारा आज का आर्टिकल प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स (diploma in production engineering) कैसे करें पूरी जानकारी। इस पोस्ट में हमने आपको बताया कि प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स कैसे करें और इसकी अवधि कितनी होती है। इसके अलावा हमने आपको यह जानकारी भी दी कि प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के लिए प्रवेश परीक्षा और प्रवेश प्रक्रिया क्या होती है एवं किसी भी कैंडिडेट में संबंधित कोर्स को करने के लिए कितनी योग्यता होनी चाहिए।
इसके अलावा हमने आपको यह जानकारी भी दी कि इस पाठ्यक्रम के लिए छात्रों को कितने रुपए तक की फीस देनी पड़ सकती है और हमारे देश भारत में प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स करवाने वाले कौन कौन से कॉलेज अच्छे हैं। साथ ही साथ हमने आपको प्रोडक्शन इंजीनियरिंग के डिप्लोमा कोर्स का पूरा सिलेबस भी बताया।
इस लेख में हमने आपको यह जानकारी भी दी कि यह 3 वर्षीय डिप्लोमा कोर्स करने के बाद आपके सामने प्राइवेट और गवर्नमेंट सेक्टर में कैरियर की क्या-क्या संभावनाएं होंगी। हमें पूरी उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा दी गई सारी जानकारी जरूर हेल्पफुल लगी होगी। इसलिए अंत में हमारी आपसे बस यही रिक्वेस्ट है कि अगर आपको हमारा यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसे अपने उन दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें जो 12वीं के बाद प्रोडक्शन इंजीनियर बनना चाहते हैं।