नमस्कार! दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे स्पेशल एजुकेशन कोर्स (diploma in special education course) कैसे करें पूरी जानकारी। आमतौर पर टीचर बनना अधिकतर बहुत सारे लोगों का सपना होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्पेशल एजुकेटर आज के समय में एक बहुत तेजी के साथ उभरता हुआ कैरियर है। लेकिन कुछ छात्र स्पेशल एजुकेटर बनना तो चाहते हैं लेकिन उन्हें इसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं होती।
जिसकी वजह से वो अपने लक्ष्य को पा नहीं सकते। अगर आप भी फिजिकली और मेंटली हैंडिकैप्ड बच्चों के साथ काम करना चाहते हैं और उससे संबंधित सारी जानकारी ढूंढ रहे हैं तो हमारे आज के इस आर्टिकल को सारा पढ़ें और जानें कि आप किस तरह से इस क्षेत्र में अपना कैरियर बना सकते हैं।
स्पेशल एजुकेशन कोर्स क्या है (What is diploma in special education in Hindi)
सबसे पहले आपको जानकारी के लिए बता दें कि स्पेशल एजुकेशन एक ऐसा कोर्स है जिसमें कैंडिडेट को यह सिखाया जाता है कि जो स्टूडेंट शारीरिक या मानसिक रूप से हैंडीकैप होते हैं उन्हें बेहतरीन तरीके से शिक्षा कैसे दी जा सकती है।
अवधि
अब आपको हम जानकारी दे दें कि इस कोर्स की अवधि 2 साल की होती है इसमें कैंडिडेट को स्पेशल एजुकेशन से संबंधित सारी महत्वपूर्ण बातें सिखाई जाती हैं। इस दौरान कैंडिडेट यह सीखता है कि वह किस प्रकार से फिजिकली और मेंटली कमजोर बच्चों को अच्छी एजुकेशन दे सकता है।
प्रवेश परीक्षा
जो लोग स्पेशल एजुकेशन कोर्स करना चाहते हैं उन्हें हम जानकारी के लिए बता दें कि इसके लिए हमारे देश में कई प्रकार के एंट्रेंस एग्जाम रखे गए हैं जैसे कि –
- अरुणाचल प्रदेश डीएड एंट्रेंस एग्जाम
- हरियाणा डीएड एंट्रेंस एग्जाम
- उत्तराखंड डीएड एंट्रेंस एग्जाम
- गोवा डीएड एंट्रेंस एग्जाम
- झारखंड डीएड एंट्रेंस एग्जाम
- केरला डीएड एंट्रेंस एग्जाम
- उड़ीसा डीएड एंट्रेंस एग्जाम
- एससीईआरटी पंजाब डीएड एंट्रेंस एग्जाम
- एमएससीई डीएड कॉमन एंटरेंस टेस्ट
- एमपी डीएड एंट्रेंस एग्जाम
- आसाम एससीईआरटी डीएड एंट्रेंस एग्जाम
प्रवेश प्रक्रिया
इस कोर्स के लिए छात्रों को गवर्मेंट कॉलेजों में केवल तभी एडमिशन मिलता है जब वह एंट्रेंस एग्जाम क्लियर कर लेते हैं। लेकिन साथ ही यहां आपको जानकारी के लिए बता दें कि हमारे देश में ऐसे बहुत सारे कॉलेज और इंस्टिट्यूट भी मौजूद है जहां पर छात्रों को कॉलेज लेवल एग्जाम पास करना होता है या फिर डायरेक्ट भी दाखिला मिल जाता है।
इसलिए स्टूडेंट्स को चाहिए कि सबसे पहले वो ये देखें कि उन्हें कौन से कॉलेज या संस्थान में दाखिला लेना है। फिर उसी हिसाब से छात्र अपने एडमिशन की तैयारी करे।
योग्यता
स्पेशल एजुकेशन कोर्स करने के लिए किसी भी कैंडिडेट में निम्नलिखित योग्यता का होना जरूरी है –
- छात्र ने किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से बारहवीं कक्षा या फिर उसके समकक्ष पास की होनी चाहिए।
- कैंडिडेट ने 12वीं में कम से कम 50% अंक हासिल किए हो और जो कैंडिडेट आरक्षित श्रेणी के हैं उनके 40% तक अंक होने चाहिए।
- छात्र के कम्युनिकेशन स्किल्स काफी अच्छे होने चाहिए।
- कैंडिडेट को अपने प्रोफेशन से प्यार होना चाहिए और उसके अंदर प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स भी होना जरूरी है।
फीस (fees)
स्पेशल एजुकेशन कोर्स की फीस इस बात के ऊपर डिपेंड करती है कि कैंडिडेट ने कौन से कॉलेज से अपना कोर्स करने का निर्णय लिया है। बता दें कि अगर कैंडिडेट किसी सरकारी संस्थान से कोर्स करता है तो तब उसे कम फीस देनी होती है लेकिन प्राइवेट इंस्टिट्यूट से कोर्स करने पर उसे अधिक फीस का भुगतान करना पड़ सकता है। एक एवरेज अनुमान अगर हम लगाएं तो स्पेशल एजुकेशन कोर्स के लिए कैंडिडेट को तकरीबन पचास हजार रुपए से लेकर दो लाख रुपए तक की फीस देनी पड़ सकती है।
भारत में स्पेशल एजुकेशन कोर्स करने के लिए कॉलेज (College to do special education course in India)
भारत में डीएड कोर्स के बहुत सारे कॉलेज मौजूद है जहां से कोई भी छात्र इस कोर्स को कर सकता है। निम्नलिखित हम आपको कुछ टॉप संस्थानों के नाम बता रहे हैं जो कि इस प्रकार से हैं –
- यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई (University of Mumbai)
- ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (All India Institute of management studies)
- संस्कृति यूनिवर्सिटी (Sanskriti University)
- आरआईएमटी यूनिवर्सिटी (RIMT University)
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज (Indian Institute of professional studies)
- जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी (Jaipur National University)
- एमजेपी रोहिलखंड यूनिवर्सिटी (MJP Rohilkhand University)
- नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर द मेंटली हैंडिकैप्ड नवी मुंबई (National Institute for the mentally handicapped Navi Mumbai)
- जेजे कॉलेज ऑफ एजुकेशन तिरुचिरापल्ली (JJ College of Education tiruchirappalli)
- मानव रचना यूनिवर्सिटी फरीदाबाद (Manav Rachna University Faridabad)
स्पेशल एजुकेशन कोर्स का पाठ्यक्रम/ सब्जेक्ट्स क्या-क्या है (What are the syllabus / subjects of special education course)
- एजुकेशन इन इमर्जिंग इंडियन सोसायटी (Education in emerging Indian society)
- एजुकेशन साइकोलॉजी (Education psychology)
- करिकुलम एंड पेडगॉजी (Curriculum and pedagogy)
- आईसीटी इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (ICT (information and communication Technology))
- 7 स्किल्स ऑफ माइक्रो टीचिंग (7 skills of microteaching)
- एनवायरमेंटल साइंस टीचिंग (Environmental science teaching)
- लिटरेचर (Literature)
- आर्ट एजुकेशन (Art education)
- टीचर आईडेंटिटी एंड स्कूल कल्चर (Teacher identity and school culture)
- कॉग्निशन, लर्निंग एंड द सोशियो कल्चरल कॉन्टेक्स्ट (Cognition, learning and the socio-cultural context)
- एनवायरमेंटल स्टडीज पेडागोजी (Environmental studies pedagogy)
- इंग्लिश लैंग्वेज पेडगॉजी (English language pedagogy)
- क्रिएटिव ड्रामा, फाइन आर्ट्स एंड एजुकेशन (प्रैक्टिकल) (Creative drama, fine arts and education (practical))
- इंटर्नशिप इन आ स्कूल (Internship in a school)
- चाइल्ड डेवलपमेंट एंड लर्निंग (Child development and learning)
- इश्यूज एंड प्रॉब्लम्स विद सेकेंडरी एजुकेशन (Issues and problems with Secondary Education)
- डिफरेंट मेथड ऑफ टीचिंग (Different method of teaching)
- रीजनल लैंग्वेज(Regional language)
- मैथमेटिक्स टीचिंग (Mathematics teaching)
- इंग्लिश टीचिंग (English teaching)
- फिजिकल टीचिंग (Physical Teaching)
- सोशल साइंस टीचिंग (Social science teaching)
- अंडरस्टैंडिंग लैंग्वेज एंड लिटरेसी (Understanding language and literacy)
- जनरल साइंस एजुकेशन (General science education)
- स्कूल कल्चर, लीडरशिप एंड चेंज (School culture, leadership and change)
- वर्क एंड एजुकेशन (प्रैक्टिकल) (Work and education (practical))
- चिल्ड्रंस फिजिकल एंड इमोशनल हेल्थ, स्कूल हेल्थ एंड एजुकेशन (प्रैक्टिकल) (Children’s physical and emotional health, school health and education (practical))
स्पेशल एजुकेशन कोर्स के बाद कैरियर संभावनाएँ क्या है (What are the career prospects after special education course)
जो लोग स्पेशल एजुकेटर बन जाते हैं उनके सामने कैरियर के बहुत सारे ऑप्शन मौजूद होते हैं जहां पर वह काम कर सकते हैं। बता दें कि कैंडिडेट को उसकी योग्यता के आधार पर गवर्नमेंट और प्राइवेट जगह पर काम करने का मौका मिल जाता है। तो वहीं कुछ कैंडिडेट अपना स्वयं का काम भी कर सकते हैं।
वेतन (salary)
अब यहां हम आपको बता देते हैं कि डिप्लोमा इन स्पेशल एजुकेशन करने के बाद कैंडिडेट को हर महीने कितने रुपए तक का वेतन मिल सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि इस कोर्स को करने के बाद व्यक्ति को शुरुआत में ही लगभग 25,000 रुपए से लेकर 40,000 तक का सैलरी पैकेज मिल जाता है जो कि कुछ समय बाद काफी अधिक बढ़ जाता है। इसके अलावा अगर उसे किसी विदेश में नौकरी करने का मौका मिल जाए तो तब उसे सैलरी बहुत ही आकर्षक मिलती है।
प्राइवेट सेक्टर में जॉब्स (Jobs in private sector after)
स्पेशल एजुकेशन कोर्स में डिप्लोमा हासिल करने के बाद कैंडिडेट को उसकी एलिजिबिलिटी के आधार पर प्राइवेट सेक्टर में अनेकों प्रकार की नौकरियां मिल जाती हैं जैसे कि –
- प्राइवेट स्कूल टीचर
- एजुकेशन काउंसलर
- होम ट्यूटर
- एजुकेशन कंसलटेंट
- एजुकेशन कोऑर्डिनेटर
- टेक्निकल राइटर
गवर्नमेंट सेक्टर में जॉब्स (Jobs in government sector)
एक स्पेशल एजुकेटर को गवर्नमेंट सेक्टर में भी नौकरी के लिए कोई भी समस्या नहीं होती और वह वहां पर निकलने वाली नौकरियों के लिए अपना आवेदन दे सकता है। उनके बारे में जानकारी इस प्रकार से है –
- सरकारी टीचर
- जूनियर टीचर
- असिस्टेंट टीचर
- असिस्टेंट प्रोफेसर
- लाइब्रेरियन
- एजुकेशन कोऑर्डिनेटर
निष्कर्ष
दोस्तों यह था हमारा आज का आर्टिकल स्पेशल एजुकेशन कोर्स (diploma in special education course) कैसे करें पूरी जानकारी। इस पोस्ट में हमने आपको जानकारी दी कि स्पेशल एजुकेशन कोर्स क्या होता है और इसकी अवधि कितनी होती है। इसके अलावा इस लेख में हमने आपको बताया कि इस कोर्स को करने के लिए प्रवेश परीक्षा क्या है और हमने आपको प्रवेश प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी दी। साथ ही साथ हमने आपको यह भी बताया कि डिप्लोमा इन स्पेशल एजुकेशन कोर्स करने के लिए किसी भी छात्र में कितनी योग्यता होनी चाहिए और इसके लिए जो फीस निर्धारित की गई है वह भी हमने आपको बताई। इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि आप भारत में कौन से कॉलेजों से इस डिप्लोमा कोर्स को कर सकते हैं और हमने इसका पूरा पाठ्यक्रम भी आपको बताया।
इस प्रकार जब आप अपना कोर्स पूरा कर लेंगे तो उसके बाद आपको कितने रुपए तक का वेतन मिल सकता है वह भी हमने आपको जानकारी दी और साथ ही साथ कैरियर संभावनाएं भी हमने आपको इस लेख के माध्यम से बताईं। अंत में हमारी आपसे बस यही रिक्वेस्ट है कि अगर आपको हमारा यह आर्टिकल हेल्पफुल लगा हो तो इसे अपने उन दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें जो 12वीं के बाद स्पेशल एजुकेशन कोर्स करना चाहते हैं।