नमस्कार! दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि फिल्म क्रिटिक (Film Critic) कैसे बनें? आज के टाइम में ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो फिल्मी दुनिया से जुड़ना चाहते हैं क्योंकि इस तरह से उन्हें नाम, पैसा, शोहरत सभी कुछ मिलता है। फिल्मी दुनिया बहुत ज्यादा बड़ी है जहां पर एक फिल्म को बनाने के लिए हीरो हीरोइन के अलावा दूसरे लोगों का भी बहुत महत्वपूर्ण हाथ होता है।
जब कोई फिल्म पर्दे पर आ जाती है तो फिल्म क्रिटिक उस मूवी को बहुत बारीकी से देखता है और उसके बाद फिर दर्शकों को अपने रिव्यूज देता है। तो अगर आप भी इस क्षेत्र में काम करना चाहते हैं तो यह आपके लिए एक बहुत ही अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है। पर अगर आपको इसके बारे में सारी जानकारी नहीं है तो हमारे आज के इस आर्टिकल को सारा पढ़ें और जानें 12वीं के बाद फिल्म क्रिटिक बनने की पूरी प्रक्रिया के बारे में।
फिल्म क्रिटिक क्या होता है ( what is Film Critic in Hindi)
फिल्म क्रिटिक एक ऐसा प्रोफेशनल होता है जो फिल्मों को एंटरनेटमेंट की नजर से ना देखते हुए क्रिटिकल पॉइंट ऑफ व्यू से देखते तथा उन्हें एनालाइज करते हैं जिससे कि मूवीस की खामियां और खूबियां दर्शकों को बताई जा सके। जानकारी दे दें हिंदी में इसे फिल्म समीक्षा या फिल्म आलोचक के नाम से जाना जाता है।
बताते चलें कि फिल्म आलोचक मूवी को पूरी तरह से निष्पक्ष होकर देखता है और उसके बारे में अपने रिव्यू देता है जिसका फायदा फिल्म मेकर्स को यह होता है कि वह अपनी फिल्मों में फिर उन गलतियों को दोहराने से बचते हैं। इस तरह से ऐसा करने पर उनकी फिल्म और भी बेहतर बनती है।
Also read: म्यूजिशियन (Musician) कैसे बनें?
फिल्म क्रिटिक बनने के लिए प्रक्रिया क्या है
जो कैंडिडेट फिल्म क्रिटिक बनना चाहते हैं उन्हें चाहिए कि वह 12वीं के बाद संबंधित क्षेत्र में डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स करें और उसके बाद कैंडिडेट मैगजीन हाउस या फिर प्रोडक्शन यूनिट्स में नौकरी के लिए अप्लाई कर सकते हैं या अगर चाहें तो वह अपना खुद का भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया स्टार्ट कर सकते हैं।
योग्यता
- कैंडिडेट ने किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से संबंधित क्षेत्र में डिप्लोमा सर्टिफिकेट हासिल किया हो।
- या कैंडिडेट में ग्रेजुएशन के बाद मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया हो।
- कैंडिडेट को फिल्मों के बारे में गहरी जानकारी होनी जरूरी है।
- मूवी को देखने के बाद अपना एक निष्पक्ष ओपिनियन रख सकने में सक्षम होना चाहिए।
- कैंडिडेट के कम्युनिकेशन स्किल्स अच्छे होने चाहिए जिससे कि वह अपना ओपिनियन फिल्म को लेकर इस तरह से दे कि प्रोड्यूसर को गलत या बुरा ना लगे।
आयु सीमा
अभी यहां आपको बता दें कि फिल्म क्रिटिक बनने के लिए किसी भी तरह की कोई आयु सीमा नहीं रखी गई है इसलिए कोई भी कैंडिडेट किसी भी उम्र में इस क्षेत्र में काम करने के लिए शुरुआत कर सकता है।
फिल्म क्रिटिक बनने के कैरियर संभावनाएं क्या है
जब कोई कैंडिडेट फिल्म क्रिटिक के तौर पर काम करता है तो तब उसके सामने कैरियर की बहुत सारी संभावनाएं आती है क्योंकि आज हमारे देश में फिल्मों का प्रोडक्शन बहुत ज्यादा बढ़ गया है जिसकी वजह से एक अच्छे फिल्म क्रिटिक की डिमांड भी बढ़ गई है। इस तरह से कैंडिडेट निम्नलिखित जगह पर काम कर सकता है –
- फिल्म प्रोडक्शन हाउस
- मीडिया हाउस
- प्रिंट मीडिया हाउस
- इलेक्ट्रॉनिक मीडिया
- सोशल मीडिया वेबसाइट
- अपना ब्लॉग या वेबसाइट भी क्रिएट कर सकते हैं
वेतन
अगर फिल्म क्रिटिक की सैलरी की बात की जाए तो उसे उसके कैरियर की शुरूआत में हर महीने 25 से लेकर 30 हजार रुपए तक का वेतन मिल जाता है। लेकिन अगर कैंडिडेट किसी अच्छे मीडिया हाउस या प्रोडक्शन हाउस में काम करता है तो तब उसे इससे भी ज्यादा की सैलरी हर महीने मिल जाती है।
साथ ही साथ बताते चलें कि जब कैंडिडेट को इस क्षेत्र में एक्सपीरियंस हासिल हो जाता है तो उसके बाद उसे हर महीने एक लाख रुपए से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक का वेतन भी मिल सकता है जो कि पूरी तरह से इस बात के ऊपर निर्भर है कि वह अपना काम किस तरह करता है और उसकी वर्किंग इंडस्ट्री कौन सी है।
फिल्म क्रिटिक के कार्य
बतौर फिल्म क्रिटिक के रूप में काम करने वाले कैंडिडेट को जो कार्य करने होते हैं उनके बारे में हमें जानकारी निम्नलिखित दे रहे हैं जो कि इस तरह से है –
- किसी भी मूवी को देखने के बाद अपने क्रिटिकल रिव्यू शेयर करना।
- फिल्म की कमियों और अच्छाइयों के बारे में बताना जिससे कि प्रोड्यूसर अपनी दूसरी आने वाली फिल्मों में जरूरी बदलाव कर सके।
- दर्शकों के बीच किसी भी फिल्म की इमेज बनाने में अहम योगदान अदा करते हैं।