हर इंसान के जीवन में शिक्षा का सबसे अधिक महत्व होता है और उसका कैरियर भी शिक्षा पर ही आधारित होता है। शिक्षा के द्वारा ही किसी भी इंसान का भविष्य उज्जवल बनता है। लेकिन यदि कोई इंसान किसी कारणवश अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख पाता तो उसके लिए ऑनलाइन शिक्षा हासिल करना एक बेहतरीन विकल्प है। इस डिजिटल शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत वह अपने घर में बैठकर पढ़ाई कर सकता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे ऑनलाइन शिक्षा किसे कहते हैं और ऑनलाइन शिक्षा के क्या-क्या फायदे और नुकसान हैं।
इसके साथ-साथ हम आपको यह भी बताएंगे कि ऑनलाइन शिक्षा के मार्ग में क्या-क्या चुनौतियां हैं। इसलिए यदि आप ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से अपनी पढ़ाई करना चाहते हैं तो आज का यह आर्टिकल आपके लिए काफी लाभदायक रहेगा इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़िएगा।
ऑनलाइन शिक्षा क्या है?
ऑनलाइन शिक्षा पढ़ाई करने का एक ऐसा माध्यम है जिसमें छात्र इंटरनेट के द्वारा घर पर बैठकर अपने कंप्यूटर, लैपटॉप, टेबलेट या स्मार्टफोन के उपयोग से पढ़ाई करते हैं। इस शिक्षा प्रणाली के माध्यम से आप दुनिया के किसी भी कोने में रहकर अपने शिक्षक से जुड़ सकते हैं। इसी तरह शिक्षक भी किसी भी देश या जगह से अपने छात्रों को पढ़ा सकते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आज का युग एक डिजिटल युग है जिसमें टीचर कंप्यूटर और लैपटॉप जैसे उपकरणों की मदद से अपने स्टूडेंट को शिक्षा दे रहे हैं।
यहां आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दें कि ऑनलाइन शिक्षा का महत्व उस समय काफी अधिक बढ़ जाता है जब किसी प्रकार की आपदा के कारण स्कूल, कॉलेज एवं शिक्षण संस्थान बंद हो जाते हैं। ऐसे में छात्रों की शिक्षा ऑनलाइन माध्यम की सहायता से जारी रखी जा सकती है।
ऑनलाइन शिक्षण कैसे करते है?
किसी भी शिक्षक को ऑनलाइन शिक्षा देने के लिए उसके पास पूरी योग्यता और डिग्री होनी चाहिए। बच्चों को पढ़ाना एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है इसलिए अगर आप खुद को एक ऑनलाइन टीचर के रूप में स्थापित करना चाहते हैं तो इसके लिए आपके पास बच्चों को पढ़ाने की योग्यता होनी अनिवार्य है।
ऑनलाइन एजुकेशन देने के लिए टीचर छात्रों के साथ वीडियो चैट की तरह बात करते हैं और कोई भी लिखित कार्य भी शेयर कर सकते हैं। लिखित कार्य शेयर करने का मतलब है कि शिक्षक इंटरएक्टिव लाइव डिस्प्ले (interactive live display) के माध्यम से जो कुछ भी लिखेंगे वह छात्रों को दिख जाएगा इसी प्रकार अगर छात्र कुछ लिखते हैं तो वह टीचर को दिखाई दे जाता है। निम्नलिखित कुछ आवश्यक आवश्यक जानकारी है जो ऑनलाइन शिक्षण के लिए अनिवार्य हैं–
- शिक्षक के पास एक कंप्यूटर या लैपटॉप होना चाहिए। अगर लैपटॉप या कंप्यूटर नहीं है तो स्मार्टफोन होना अनिवार्य है।
- बिना इंटरनेट के कनेक्शन के आप ऑनलाइन पढ़ाई नहीं करवा सकते इसलिए आपका इंटरनेट तेज स्पीड का होना चाहिए ताकि आप बिना किसी रूकावट के पढ़ा सकें।
- शिक्षक के पास एक राइटिंग पेड़ और डिजिटल पेन होना चाहिए जिसकी सहायता से लाइव स्क्रीन पर लिखते हैं।
- जिस विषय को टीचर पढ़ाना चाह रहे हैं उस पर शिक्षक को अच्छा ज्ञान और एक्सपीरियंस होना चाहिए।
ऑनलाइन शिक्षा की आवश्यकता क्या है?
वर्तमान समय में ऑनलाइन शिक्षा का महत्व काफी बढ़ गया है क्योंकि शिक्षा प्राप्त करने का यह तरीका काफी सरल और सहज है। ऑनलाइन शिक्षण की आवश्यकता निम्नलिखित है–
- अगर हम अपने देश की बात करें तो हमारे यहां पर जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है जिसके कारण सभी बच्चों को पर्याप्त शिक्षा नहीं मिल पा रही है क्योंकि हमारे देश में स्कूल, कॉलेज इतने अधिक उपलब्ध नहीं है जिनमें सभी पढ़ सकें। ऐसे में यदि हम ऑनलाइन शिक्षा के विकल्प की तरफ जाएं तो इस तरह से स्कूलों पर भी दबाव कम होगा और अभिभावकों कर भी क्योंकि इस तरह से किसी भी स्कूल में दाखिले लेने की अफ़रा-तफ़री खत्म हो जाएगी।
- मौजूदा समय में विश्व भर में कोरोना महामारी के कारण सभी स्कूल, कॉलेज एवं शिक्षण संस्थान बंद है जिसके कारण छात्रों की एजुकेशन पर काफी प्रभाव पड़ा है लेकिन ऐसे समय में ऑनलाइन शिक्षा के द्वारा बच्चों की पढ़ाई बिना रुकावट के जारी रही जो कि छात्रों की शिक्षा के लिए अत्यंत अनिवार्य था।
- ऑनलाइन शिक्षा की आवश्यकता इसलिए भी है क्योंकि अधिकतर लोगों के पास महंगी स्कूल फीस या किसी कोर्स की फीस भरने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं होते हैं जिसके कारण वह अपनी पढ़ाई को बीच में ही छोड़ देते हैं परंतु ऑनलाइन एजुकेशन सभी लोगों को पढ़ाई ग्रहण करने का मौका देता है।
ऑनलाइन शिक्षा की चुनौतियों क्या क्या है?
शिक्षा प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन एजुकेशन का प्रचलन तेजी से बढ़ता जा रहा है लेकिन इस शिक्षा की राह में बहुत सारी चुनौतियां भी है जैसे-
- ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली की सबसे बड़ी चुनौती है खराब इंटरनेट कनेक्शन और इसके अलावा पुराने कंप्यूटर का प्रयोग करना। इनके कारण भी ऑनलाइन एजुकेशन की राह में एक बड़ी चुनौती है क्योंकि पुराने कंप्यूटर और खराब इंटरनेट कनेक्शन के माध्यम से पढ़ाई ठीक से नहीं हो सकती।
- ऑनलाइन शिक्षा पद्धति में किसी भी प्रकार का लैब वर्क या फिर प्रैक्टिकल करना छात्रों के लिए अत्यधिक कठिन होता है।
- जो लोग गांव में रहते हैं वहां पर शहरों की उपेक्षा बिजली की उचित व्यवस्था नहीं होती और इस कारण गांव में रहने वाले लोग ऑनलाइन एजुकेशन के माध्यम से पढ़ाई नहीं कर सकते।
- हर छात्र के पास लैपटॉप, कंप्यूटर और फोन नहीं होता है ऐसे में यदि वह ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से पढ़ना चाहता है तो उसके लिए एक समस्या बन सकता है।
- बहुत सारे विषय ऐसे हैं जिन पर छात्रों को प्रैक्टिकल लर्निंग की जरूरत होती है लेकिन ऑनलाइन शिक्षा माध्यम प्रणाली में ऐसे विषयों को सिखाना अत्यधिक कठिन होता है जिसके कारण छात्र प्रैक्टिकल शिक्षा नहीं ले पाते।
ऑनलाइन शिक्षा के फायदे क्या है?
अगर आप ऑनलाइन शिक्षा हासिल करना चाहते हैं तो इसके लिए हम आपको बता दें कि इसके एक नहीं अनेकों फायदे हैं जो कि इस प्रकार से हैं–
- ऑनलाइन शिक्षा का सबसे बड़ा लाभ यह है कि ऑनलाइन एजुकेशन बहुत सुविधाजनक होने के साथ-साथ इसकी संचालन प्रक्रिया भी बहुत सरल होती है। जब एक छात्र ऑनलाइन माध्यम के द्वारा शिक्षा प्राप्त करता है तो उस समय उसका अपने शिक्षक पर सारा ध्यान केंद्रित हो जाता है जबकि दूसरे छात्रों के बीच स्कूल की कक्षा में ऐसा नहीं हो पाता।
- जब कोई छात्र ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से शिक्षा ग्रहण करता है तो उसका संकोच और तनाव कम होता है। इस प्रणाली के माध्यम से छात्र के सीखने की क्षमता में अत्यधिक सुधार होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बहुत सारे छात्र संकोची प्रवृत्ति के होते हैं और वह क्लास रूम में अपने संकोची स्वभाव के कारण अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते लेकिन जब वह ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई करते हैं तो उस समय उनका संकोच कम हो जाता है। इस तरह यह कहा जा सकता है कि ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली छात्रों पर सकारात्मक प्रभाव डालने के साथ-साथ उनकी सीखने की शैली में भी सुधार करती हैं।
- अगर कोई छात्र अपनी पढ़ाई पर अत्यधिक पैसे नहीं खर्च कर सकता तो तब भी वह ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर सकता है क्योंकि यह शिक्षण प्रणाली कक्षा शिक्षा की तुलना में सस्ती है। इसलिए ऑनलाइन एजुकेशन के माध्यम से हर श्रेणी और वर्ग के लोग एजुकेशन प्राप्त कर सकते हैं।
- बहुत से लोग ऐसे हैं जो नौकरी करने के कारण रेगुलर पढ़ाई जारी नहीं रख सकते ऐसे में उनके लिए ऑनलाइन शिक्षा पद्धति वरदान की तरह साबित हुई है क्योंकि इस तरह वह अपना जॉब भी जारी रख सकते हैं और अपनी पढ़ाई को भी बिना किसी परेशानी के पूरा कर सकते हैं।
- जब कोई छात्र स्कूल या कॉलेज में पढ़ाई करने के लिए जाता है तो वहां पर एक टाइम टेबल होता है और उसी के अनुसार उस छात्र को पढ़ाई करनी होती है लेकिन अगर ऑनलाइन शिक्षा की बात की जाए तो यहां पर पढ़ाई करने की कोई सीमा नहीं है यह आपके ऊपर निर्भर है कि आप कितना पढ़ना चाहते हैं क्योंकि इसके लिए ना तो आपको कहीं जाना पड़ेगा और ना ही आपको पैसे खर्च करने पड़ेंगे।
- जब कोई छात्र कक्षा में शिक्षा लेता है तो वह अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता क्योंकि कक्षाओं में हमेशा शोर-शराबा रहता है जिसके कारण पढ़ाई ठीक से नहीं हो पाती। लेकिन अगर हम ऑनलाइन शिक्षा की बात करें तो यहां पर आपको अपनी पढ़ाई पर अधिक फोकस करने का मौका मिलता है एवं इसके साथ-साथ आप शांति के साथ पढ़ भी सकते हैं।
नुकसान
ऑनलाइन शिक्षा के बहुत सारे फायदे हैं लेकिन हर चीज के फायदे के साथ-साथ नुकसान भी होते हैं इसी तरह से ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली के नुकसान भी हैं जो कि निम्नलिखित है–
- ऑनलाइन शिक्षा क्योंकि कंप्यूटर स्क्रीन के सामने या स्मार्टफोन के सामने सीखी जाती है इसलिए अगर कोई इंसान लगातार कई घंटों इसके सामने बिताता है तो उसकी मांसपेशियों के साथ-साथ उसकी आंखों पर भी इसके नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।
- ऑनलाइन शिक्षा के लिए यह जरूरी है कि आपके इंटरनेट का नेटवर्क अच्छा हो क्योंकि अगर नेटवर्क के सिग्नल अच्छे नहीं होंगे तो इस प्रकार शिक्षा लेना मुश्किल हो जाएगा। इसी तरह से बहुत सारे ग्रामीण क्षेत्र है जहां पर लोगों के पास इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं होती है।
- जब कोई छात्र कक्षा में बैठकर पढ़ाई करता है तो उसका शिक्षक उसकी बोलचाल उसकी बॉडी लैंग्वेज से बहुत सारी चीजों को समझ जाता है लेकिन ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत ऐसा नहीं हो पाता इसलिए छात्रों को समझने और उनकी प्रगति की निगरानी ऑनलाइन शिक्षक नहीं रख पाते।
- ऑनलाइन एजुकेशन में प्रतिस्पर्धा का माहौल ऐसा नहीं होता जैसे रेगुलर स्कूल या कॉलेज की कक्षाओं में होता है। इसमें कोई संदेह नहीं कि जब कोई छात्र एक समूह में पढ़ता है तो वह अधिक सतर्क और काबिल बनने के लिए मेहनत करता है लेकिन प्रतिस्पर्धा का यह माहौल ऑनलाइन शिक्षा में छात्रों को नहीं मिल पाता।
- ऑनलाइन शिक्षा के अंतर्गत प्रैक्टिकल शिक्षा का अभाव होता है और एक प्रैक्टिकल यानि व्यवहारिक स्पर्श और गहरी समझ किसी भी पढ़ाई में विशेष रुचि उत्पन्न करते हैं जो कि ऑनलाइन शिक्षा में अनुपस्थित है।
- ऑनलाइन शिक्षा में छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतियोगिताएं नहीं करवाई जाती क्योंकि इंसान एक समाज में रहने वाला प्राणी है और उसे यह बात प्रोत्साहित करती है जिसमें उसे किसी चीज के लिए पुरस्कार दिया जाए। इसलिए कोई भी छात्र ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से अपने उत्साह को बनाए नहीं रख सकता।
- जब कोई छात्र स्कूल या कॉलेज में पढ़ने के लिए जाता है तो वहां पर परीक्षाएं होती हैं, होमवर्क दिया जाता है ताकि शिक्षक यह जान सकें कि बच्चे कितना जान पाए हैं। इसी प्रकार से बच्चे भी जब होमवर्क या परीक्षा देते हैं तो उन्हें भी यह अनुमान लग जाता है कि उन्होंने कितना ज्ञान हासिल किया है। लेकिन ऑनलाइन शिक्षा में कोई भी छात्र आत्म मूल्यांकन नहीं कर सकता क्योंकि यहां पर छात्र ई–पुस्तक पढ़ते हैं और कोई होमवर्क उन्हें नहीं करना होता।
- जिस तरह जब कोई छात्र कॉलेज या स्कूल में पढ़ने जाता है तो वह हमेशा अनुशासन का पालन करता है लेकिन ऑनलाइन शिक्षा में छात्रों द्वारा अनुशासन का पालन बिल्कुल भी नहीं किया जाता है।