नमस्कार! दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स (Diploma in Chemical Engineering) कैसे करें पूरी जानकारी। बहुत से छात्रों को साइंस में बहुत ज्यादा रूचि होती है और इसीलिए वो इंजीनियरिंग की फील्ड में जाने में इंटरेस्ट रखते हैं। तो ऐसे में केमिकल इंजीनियरिंग का कोर्स करके वो इस क्षेत्र में जा सकते हैं। देखा जाए तो यह एक बहुत ही अच्छा कैरियर विकल्प साबित हो सकता है क्योंकि आज इस सेक्टर में नौकरी की बिल्कुल भी कमी नहीं है। अगर आप भी केमिकल इंजीनियरिंग के डिप्लोमा कोर्स के बारे में जानकारी ढूंढ रहे हैं तो हमारे आज के इस पोस्ट को सारा पढ़ें और जानें कि आप किस प्रकार से इस कोर्स में दाखिला ले सकते हैं और कैसे इस इंडस्ट्री में अपने लिए रोजगार के बेहतरीन अवसर पा सकते हैं।
केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स क्या होता है? (What is diploma in chemical engineering in Hindi)
यहां सबसे पहले आपको हम जानकारी दे दें कि केमिकल इंजीनियरिंग के डिप्लोमा कोर्स के अंतर्गत छात्रों को यह सिखाया जाता है कि कच्चे पदार्थों और केमिकल्स को किस तरह से इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं में बदला जा सकता है। इसके अलावा इस पाठ्यक्रम में केमिकल प्रोडक्ट्स के निर्माण के समय आने वाली परेशानियों का हल भी ढूंढना सिखाया जाता है। साथ ही बताते चलें कि यह कोर्स इंजीनियरिंग और केमिस्ट्री दोनों का ही एक मिलाजुला रूप है जिसको करने के बाद छात्र केमिकल और कच्चे पदार्थों को जरूरत की चीजों में तब्दील करना सीख जाते हैं। इस तरह से कई बार कैंडिडेट तकनीकी खोज के साथ-साथ नए-नए मेटेरियल्स की भी खोज करते हैं। यह एक बेहद रोमांचक और बेहतरीन फील्ड है जहां पर लोगों को काम करना बहुत ज्यादा पसंद होता है।
अवधि (duration)
केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स के डिप्लोमा की अवधि 3 साल तक की होती है। यहां बता दें कि इस 3 वर्षीय डिप्लोमा कोर्स का एग्जामिनेशन टाइप सेमेस्टर टाइप होता है। जब छात्र इस कोर्स को पूरा कर लेते हैं तो उसके बाद वो केमिकल इंजीनियरिंग की इंडस्ट्री में काम कर सकते हैं।
केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा (Entrance test for diploma in chemical engineering course)
केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स में डिप्लोमा करने के लिए हमारे देश में विभिन्न कॉलेजों और पॉलीटेक्निक संस्थानों में एंट्रेंस एग्जाम की प्रक्रिया रखी गई है। यहां जानकारी के लिए बता दें कि एलिजिबल कैंडिडेट्स को प्रवेश परीक्षा में शामिल होना पड़ता है और उसमें पास होने के बाद ही उन्हें फिर कोर्स में दाखिला मिल पाता है। साथ ही आपको बता दें कि कुछ प्राइवेट संस्थानों में बिना एंट्रेंस टेस्ट के भी योग्य उम्मीदवारों को दसवीं के अंकों के आधार पर एडमिशन दे दिया जाता है।
केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स के लिए प्रवेश प्रक्रिया क्या है (What is the admission process for diploma in chemical engineering course)
जो कैंडिडेट केमिकल इंजीनियरिंग का डिप्लोमा कोर्स करना चाहते हैं तो उन्हें यहां जानकारी के लिए बता दें कि सबसे पहले कैंडिडेट को चाहिए कि वह दसवीं कक्षा विज्ञान और गणित जैसे विषयों के साथ पास करें। उसके बाद फिर कैंडिडेट को चाहिए कि जब कॉलेजों में दाखिले के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो तो उसमें अपना पंजीकरण करा दें। अगर उनके द्वारा चुने गए कॉलेज में एंट्रेंस टेस्ट के बाद एडमिशन प्रक्रिया रखी गई है तो तब छात्र को एंट्रेंस एग्जाम में सफल होना जरूरी होता है। हालांकि हमारे देश में कुछ प्राइवेट इंस्टिट्यूट ऐसे भी हैं जहां पर बिना किसी प्रवेश परीक्षा के छात्रों को दाखिला मिल जाता है।
केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए (What should be the qualification for diploma in chemical engineering course)
जो छात्र केमिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स करना चाहते हैं उन्हें यहां जानकारी के लिए बता दें कि इसमें दाखिला लेने के लिए उनमें कुछ योग्यताओं का होना जरूरी है जो कि इस प्रकार से हैं –
- इच्छुक छात्र ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कम से कम दसवीं कक्षा पास की होनी चाहिए।
- दसवीं क्लास में छात्र ने साइंस के साथ-साथ मैथमेटिक्स की पढ़ाई की हो।
- कैंडिडेट के 10वीं कक्षा में 40% तक अंक होने जरूरी है।
फीस (fees)
अब आपको यहां हम बता दें कि डिप्लोमा इन केमिकल इंजीनियरिंग के लिए छात्रों को जो फीस देनी पड़ती है वह आमतौर पर कॉलेज और संस्थान के ऊपर डिपेंड करती है। किसी इंस्टिट्यूट में ज्यादा फीस का भुगतान करना पड़ता है तो किसी में कम। ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकारी संस्थानों में निजी संस्थानों के मुकाबले कम फीस ली जाती है। इस प्रकार से एवरेज कोर्स फीस लगभग 3,000 से लेकर 50,000 तक हो सकती है।
भारत में केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स करने के लिए कॉलेज (College to do chemical engineering course in India)
हमारे देश भारत में केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स में डिप्लोमा करने के लिए बहुत सारे अच्छे कॉलेज है जहां पर इच्छुक उम्मीदवार दाखिला ले सकते हैं जैसे कि –
- वीरमाता जीजाबाई टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट मुंबई (Veer Mata jijabai technological Institute Mumbai)
- बाबासाहेब अंबेडकर टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (Babasaheb Ambedkar technological University)
- गलगोटियस यूनिवर्सिटी (Galgotias University)
- गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक पंजाब (Government Polytechnic Punjab)
- गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (Gujarat technological University)
- मेवाड़ यूनिवर्सिटी (Mewar University)
- श्री प्रकाश कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग (Sri Prakash college of engineering)
- इंटीग्रल यूनिवर्सिटी (Integral University)
- भारती विद्यापीठ यूनिवर्सिटी (Bharati vidyapeeth University)
- स्वामी विवेकानंद इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (Swami vivekanand Institute of information Technology)
केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स का पाठ्यक्रम/ सब्जेक्ट्स क्या-क्या है (What are the syllabus / subjects of chemical engineering course)
केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स मे डिप्लोमा करने वाले छात्रों को हम जानकारी के लिए बता दें कि विभिन्न कॉलेजों और संस्थानों में निम्नलिखित सिलेबस विद्यार्थियों को पढ़ाया जाता है –
- बेसिक मैथमेटिक्स (Basic mathematics)
- केमिस्ट्री (Chemistry)
- इंजीनियरिंग ड्राइंग (Engineering drawing)
- फिजिक्स (Physics)
- अप्लाइड मैथमेटिक्स (Applied mathematics)
- डेवलपिंग ऑफ लाइफ स्किल (Developing of life skill)
- मास ट्रांसफर (Mass transfer)
- कम्युनिकेशन स्किल (Communication skill)
- इंजीनियरिंग मैथमेटिक्स (Engineering mathematics)
- ऑर्गेनिक एंड फिजिकल केमिस्ट्री (Organic and physical chemistry)
- स्ट्रेंथ ऑफ मटेरियल (Strength of materials)
- इलेक्ट्रिकल टेक्नोलॉजी (Electrical technology)
- पॉलीमर केमेस्ट्री (Polymer chemistry)
- पैट्रोलियम रिफायनिंग एंड पेट्रोकेमिकल (Petroleum refining and petrochemical)
- टेक्नोलॉजी ऑफ ऑर्गेनिक केमिकल्स (Technology of inorganic chemicals)
- बेसिक इलेक्ट्रॉनिक्स (Basic electronics)
- फ्लोर फ्लो एंड हीट ट्रांसफर (Fluid flow and heat transfer)
- मेटेरियल ऑफ कंस्ट्रक्शन (Material of construction)
- टेक्नोलॉजी ऑफ ऑर्गेनिक केमिकल्स एंड प्रोडक्ट्स (Technology of organic chemicals and products)
- टेक्नोलॉजीस ऑफ प्लास्टिक्स (Technologies of plastics)
- केमिकल रिएक्शन इंजीनियरिंग (Chemical reaction engineering)
- इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट (Industrial Management)
- फील्ड ट्रेनिंग (Field training)
केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स के बाद कैरियर संभावनाएँ क्या है (What are the career prospects after chemical engineering course)
केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स में डिप्लोमा करने के बाद योग्य उम्मीदवारों को इस इंडस्ट्री में काफी अच्छी कंपनियों में नौकरी के अवसर मिल जाते हैं जैसे कि –
- सनराइज इंजीनियरिंग सॉल्यूशंस (Sunrise engineering solutions)
- मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस (Ministry of defence)
- केमिकल लैब्स (Chemical labs)
- केमिकल इंडस्ट्रीज (Chemical industries)
- पैट्रोलियम रिफायनरीज़ (Petroleum refineries)
- कॉलेजेस एंड यूनिवर्सिटीज (Colleges and universities)
- केमिकल इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट्स (Chemical engineering institutes)
वेतन (salary)
केमिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स हासिल करने के बाद कैंडिडेट को नौकरी की शुरुआत में कम से कम 15 हजार रुपए से लेकर 40 हजार रुपए तक का वेतनमान मिल सकता है। इस प्रकार से जब उसे कुछ सालों का अनुभव हासिल हो जाता है तो तब उसके वेतन में और ज्यादा बढ़ोतरी हो जाती है।
प्राइवेट सेक्टर में जॉब्स (Jobs in private sector after)
केमिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स करने के बाद उम्मीदवार के सामने प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने के बहुत से अवसर आते हैं जहां पर वह निम्नलिखित पदों पर काम कर सकता है –
- प्रोजेक्ट मैनेजर (Project manager)
- सुपरवाइजर (Supervisor)
- मैनेजर (Manager)
- केमिकल इंजीनियर (Chemical engineer)
- केमिकल डेवलपमेंट इंजीनियर (Chemical development engineer)
- क्वालिटी कंट्रोलर (Quality controller)
- लेबोरेटरी असिस्टेंट (Laboratory assistant)
- प्लांट ऑपरेटर (Plant operator)
गवर्नमेंट सेक्टर में जॉब्स (Jobs in government sector)
केमिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स करने के बाद जिस प्रकार से कैंडिडेट को प्राइवेट सेक्टर में काम के बहुत सारे मौके मिल जाते हैं ठीक उसी तरह से ही गवर्नमेंट सेक्टर में भी अनेकों जॉब करने के चांस योग्य उम्मीदवारों को आसानी के साथ मिल जाते हैं। यहां बता दें कि संबंधित इंडस्ट्री में हर साल केमिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र से जुड़ी हुई बहुत सारी वैकेंसीस निकलती है जहां पर कैंडिडेट अपना आवेदन दे सकते हैं।
निष्कर्ष
दोस्तों यह था हमारा आज का आर्टिकल केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स (Diploma in Chemical Engineering) कैसे करें पूरी जानकारी। इस पोस्ट में हमने आपको बताया कि केमिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स क्या होता है और यह कितनी अवधि तक का होता है। इसके अलावा हमने इस लेख के माध्यम से आपको यह भी जानकारी दी कि इस पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के लिए प्रवेश परीक्षा और प्रवेश प्रक्रिया क्या है। साथ ही साथ हमने आपको यह जानकारी भी दी कि केमिकल इंजीनियरिंग का डिप्लोमा कोर्स करने के लिए किसी भी छात्र में कितनी योग्यता होनी चाहिए और इसके लिए कैंडिडेट को कितने रुपए तक की फीस देनी पड़ सकती है।
इसके अलावा हमने इस लेख के द्वारा आपको यह जानकारी भी दी कि भारत में केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स का डिप्लोमा करने के लिए कौन कौन से कॉलेज अच्छे हैं और वहां पर छात्रों को क्या सिलेबस पढ़ाया जाता है। साथ ही हमने आपको यह जानकारी भी दी कि केमिकल इंजीनियरिंग में जब आप डिप्लोमा कोर्स कर लेंगे तो उसके बाद आपके सामने प्राइवेट और गवर्नमेंट सेक्टर में कैरियर की क्या-क्या संभावनाएं हो सकती हैं। अंत में हमारी आपसे बस यही छोटी सी रिक्वेस्ट है कि अगर आपको हमारा यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे अपने उन दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें जो diploma in chemical engineering के कोर्स में दाखिला लेने के इच्छुक हैं।