नमस्कार! दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आर्ट कंजरवेटर (Art Conservator) कैसे बनें? अगर आप यह चाहते हैं कि आप आर्ट कंजरवेटर बनें तो इसके लिए आपको इस फील्ड के बारे में सभी महत्वपूर्ण बातों की जानकारी होना अत्यंत जरूरी है।
यहां आपको जानकारी दे दें कि अगर आपको कला से प्रेम है तो तब आप इस इंडस्ट्री में अपना कैरियर बना सकते हैं लेकिन अगर आपको इस इंडस्ट्री के बारे में सारी जानकारी नहीं है और इससे संबंधित महत्वपूर्ण बातों को जानना चाहते हैं तो हमारे आज के इस आर्टिकल को सारा पढ़ें और जानें कि आप किस तरह से 12वीं के बाद आर्ट कंजरवेटर बन सकते हैं।
आर्ट कंजरवेटर क्या होता है (what is Art Conservator in Hindi)
यहां सबसे पहले आपको हम जानकारी के लिए बता दें कि आर्ट कंजरवेटर एक ऐसा प्रोफेशनल होता है जिसको हिंदी में कला संरक्षक के नाम से भी जाना जाता है और इसका काम सभी आर्ट संबंधित वस्तुओं का परीक्षण, डॉक्यूमेंटेशन और देखभाल करना होता है।
यहां आपको यह भी बता दें कि एक तरह से यह ऐसे पेशेवर होते हैं जो आर्टवर्क को बहाल करते हैं। यानी कि वह किसी भी कलाकृति पर इस तरह से काम करते हैं जिससे कि वह परमानेंटली चेंज नहीं होती है। इसके अलावा कला संरक्षक यह भी निर्धारित करते हैं कि क्या वस्तुओं को मरम्मत की जरूरत है या फिर नहीं और इसके साथ-साथ वह उनको इंस्टॉल, अरेंज करने के साथ-साथ असेंबल और प्रिपेयर भी करते हैं। अगर किसी ऑब्जेक्ट को क्लीन करने की आवश्यकता होती है तो उसे साफ करने के साथ-साथ पॉलिश करने का काम भी करते हैं।
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आर्ट कंजरवेटर बनने के लिए प्रक्रिया क्या है
जो छात्र आर्ट कंजरवेटर बनना चाहते हैं उन्हें चाहिए कि वह 12वीं के बाद संबंधित क्षेत्र में बैचलर डिग्री हासिल करें जैसे कि हिस्ट्री, स्टूडियो आर्ट, एंथ्रोपोलॉजी, आर्कोलॉजी, केमिस्ट्री इत्यादि। इस तरह से रिलेटेड फील्ड में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद कैंडिडेट अनेकों ऑर्गेनाइजेशन में काम करने के मौके हासिल कर सकता है। वहीं अगर कोई कैंडिडेट चाहे तो वह मास्टर डिग्री प्रोग्राम में भी एडमिशन ले सकता है और उसके बाद पीएचडी प्रोग्राम में दाखिला लेकर पढ़ाई जारी रख सकता है।
योग्यता
- कैंडिडेट ने किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से आर्ट हिस्ट्री, स्टूडियो आर्ट, एंथ्रोपोलॉजी, आर्कोलॉजी, केमिस्ट्री जैसे किसी एक विषय में ग्रेजुएशन किया हो।
- इनोवेटिव होना चाहिए ताकि वह नए नए आइडियाज बता सके।
- कैंडिडेट में यह योग्यता होनी चाहिए कि वह किसी भी कलाकृति या प्रोडक्ट के बारे में सारी बातें ठीक से एनालाइज कर सके।
- छात्र की ऑब्जरवेशन पावर स्ट्रांग होनी चाहिए।
- अंग्रेजी भाषा के साथ-साथ कंप्यूटर की जानकारी भी होना जरूरी है।
आयु सीमा
- कोर्स में दाखिला लेते समय छात्र की आयु कम से कम 17 साल तक की हो।
- जो कैंडिडेट किसी आरक्षित वर्ग से संबंध रखते हैं उन्हें आयु सीमा में छूट सरकारी नियम अनुसार दी गई है।
आर्ट कंजरवेटर बनने के कैरियर संभावनाएं क्या है
जब कोई कैंडिडेट आर्ट कंजरवेटर बन जाता है तो उसके सामने कैरियर के बहुत सारे अवसर होते हैं जहां पर उसे काम करने के मौके मिलते हैं जैसे कि-
- वह आर्कलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया में काम कर सकते हैं जहां पर उनको हिस्टोरिकल प्लेसेस के अलावा स्मारकों को ठीक करने का काम करना होता है।
- कैंडिडेट द इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चर हेरिटेज जैसी जगह पर काम कर सकते हैं।
- नेशनल म्यूजियम सेंटर में काम किया जा सकता है।
- किसी आर्ट इंस्टिट्यूट में टीचिंग की जा सकती है।
- कैंडिडेट चाहे तो अपना खुद का काम भी शुरू कर सकता है।
वेतन
आर्ट कंजरवेटर के पद पर जो कैंडिडेट काम करते हैं उन्हें जो सैलरी मिलती है वह हर प्रोजेक्ट के हिसाब से अलग-अलग मिलती है जैसे की शुरुआत में कैंडिडेट को किसी भी प्रोजेक्ट को इंस्टॉल करने के लिए 5,000 से लेकर 8,000 तक मिल जाते हैं लेकिन इसके साथ-साथ यह भी बता दें कि यह पैसे कम या ज्यादा भी हो सकते हैं क्योंकि यह पूरी तरह से प्रोजेक्ट के ऊपर डिपेंड करता है। इस तरह से जब कैंडिडेट को कुछ वर्षों का अनुभव हो जाता है तो तब उसे 25,000 से लेकर 30,000 तक की सैलरी हर महीने मिल सकती है जो कि बाद में बढ़ भी जाती है।
आर्ट कंजरवेटर के कार्य
अब यहां आपको बता दें कि आर्ट कंजरवेटर के तौर पर काम करने वाले कैंडिडेट को कौन-कौन से कार्य करने होते हैं जिनकी जानकारी इस प्रकार से है-
- बेसिकली इनका काम आर्टवर्क का रिस्टोरेशन ऐसे करना होता है जिससे कि वह अच्छा दिखाई दे लेकिन इसके लिए उसमें कोई भी तोड़फोड़ या फिर डैमेज नहीं किया होना चाहिए।
- इस बात का पता लगाना कि आर्टवर्क्स को किसी प्रकार के रिपेयर की जरूरत है या नहीं।
- आर्टवर्क्स को रिपेयर करने के लिए सबसे सेफ और इफेक्टिव तरीका ढूंढना और उसी के अनुसार फिर उसे ठीक करना।
- विभिन्न तरह के ऑब्जेक्ट्स को क्लीन करने का काम करना जैसे कि पेपर, टैक्सटाइल्स, लकड़ी, मेटल, गिलास, रॉक, फर्नीचर इत्यादि।
निष्कर्ष
दोस्तों यह था हमारा आज का आर्टिकल आर्ट कंजरवेटर (Art Conservator) कैसे बनें? इस पोस्ट के माध्यम से हमने आप को जानकारी दी कि आर्ट कंजरवेटर क्या होता है और इसके लिए किसी भी कैंडिडेट में कितनी योग्यता होनी अनिवार्य होती है। इसके अलावा इस आर्टिकल में हमने आपको यह भी बताया कि आर्ट संरक्षक बनने के लिए कौन सी प्रक्रिया होती है और इस पद पर काम करते हुए उसे हर महीने कितने रुपए तक का वेतन मिल सकता है।
साथ ही साथ इस लेख में हमने यह जानकारी भी दी कि जो कैंडिडेट कला संरक्षक के तौर पर काम करते हैं उन्हें कौन-कौन से कार्य करने होते हैं। वैसे इस क्षेत्र में वह छात्र अपना कैरियर बना सकते हैं जिन्हें कला से प्रेम है।
अंत में हम आपसे यही कहेंगे कि अगर आपको हमारा यह आर्टिकल उपयोगी लगा हो तो इसे अपने उन दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें जो 12वीं के बाद आर्ट कंजरवेटर बनना चाहते हैं।