माइनिंग इंजिनियरिंग कोर्स (Diploma in Mining Engineering) कैसे करें पूरी जानकारी

नमस्कार! दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे माइनिंग इंजिनियरिंग कोर्स (Diploma in Mining Engineering) कैसे करें पूरी जानकारी। आज के समय में माइन इंडस्ट्री में बहुत से रोजगार के अवसर लोगों को मिल जाते हैं। यह एक ऐसा सेक्टर है जिसमें युवाओं के लिए काम करने के अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं। इतना ही नहीं जब कोई कैंडिडेट इस क्षेत्र में नौकरी तलाश करता है तो उसे बिल्कुल भी समस्या नहीं होती लेकिन इस सेक्टर में काम करने के लिए कैंडिडेट में योग्यता भी होनी चाहिए। अगर आप भी एक स्टूडेंट हैं और 12वीं के बाद माइनिंग इंजीनियरिंग की फील्ड में जाना चाहते हैं तो हमारे आज के इस पोस्ट को सारा पढ़ें और जानें इस कोर्स के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी। 

माइनिंग इंजिनियरिंग कोर्स क्या होता है? (What is diploma in mining engineering in hindi)

सबसे पहले आपको हम जानकारी के लिए बता दें कि माइनिंग इंजीनियरिंग कोर्स के तहत छात्रों को खानों में काम करने की ट्रेनिंग दी जाती है। यहां बता दें कि इस पाठ्यक्रम में स्टूडेंट्स को उन सभी  तकनीकों और तरीकों के बारे में पढ़ाया जाता है जिनका प्रयोग करके खनन जमा किए जाते हैं। बता दें कि माइनिंग इंजीनियरिंग की पढ़ाई में छात्रों को धातुओं, मार्बल्स, चूना पत्थरों, कोयला आदि के साथ साथ ऊर्जा स्रोत और न्यूक्लियर मैटेरियल इकट्ठा करना सिखाया जाता है।

इसके अलावा कैंडिडेट को ऐसी जगहों को भी ढूंढना सिखाया जाता है जहां पर माइनिंग की पॉसिबिलिटी ज्यादा होती है। तो इस प्रकार से माइनिंग की संभावना को जांचना, मुनाफे का अंदाजा लगाना, माइनिंग के लिए किसी एरिये को डेवलप करना, अयस्क से धातु का उत्पादन करने की प्रक्रिया माइनिंग इंजीनियरिंग कोर्स के अंदर ही आती है।

अवधि (duration) 

माइनिंग इंजीनियरिंग कोर्स की अवधि 3 साल की होती है और यहां बता दें कि इसका जो एग्जामिनेशन टाइप होता है वह सेमेस्टर बेस्ड होता है। इस प्रकार से 3 साल के इस कोर्स को पूरा करने के बाद कैंडिडेट माइंस इंडस्ट्री में काम करने के योग्य हो जाते हैं। 

माइनिंग इंजिनियरिंग कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा (Entrance test for diploma in mining engineering course)

माइनिंग इंजीनियरिंग कोर्स में डिप्लोमा करने के लिए आमतौर पर कोई एंट्रेंस टेस्ट नहीं रखा गया है। लेकिन हमारे देश में कुछ ऐसे कॉलेज और संस्थान भी हैं जहां पर छात्रों को एडमिशन से पहले प्रवेश परीक्षा में शामिल होना पड़ता है जो कि हर कॉलेज की अलग-अलग हो सकती है। बता दें कि जितने भी प्राइवेट इंस्टिट्यूट और पॉलिटेक्निक हैं वहां पर योग्य उम्मीदवारों को बिना किसी एंट्रेंस टेस्ट के दाखिला दे दिया जाता है। 

माइनिंग इंजिनियरिंग कोर्स के लिए प्रवेश प्रक्रिया क्या है (What is the admission process for diploma in mining engineering course)

जो कैंडिडेट माइनिंग इंजीनियरिंग कोर्स में डिप्लोमा करना चाहते हैं उन्हें हम यहां बता दें कि सबसे पहले उन्हें 12वीं कक्षा पास करनी होगी। वैसे बता दें कि बहुत से संस्थानों में छात्रों को दसवीं के बाद भी इस पाठ्यक्रम में दाखिला मिल जाता है। इस प्रकार से जब कैंडिडेट बारहवीं कक्षा पास कर लेता है तो उसके बाद उसे चाहिए कि वह सबसे पहले कॉलेज की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवाएं। उसके बाद कैंडिडेट को चाहिए कि एप्लीकेशन फॉर्म को ठीक प्रकार से भरें, यहां उसको अपनी पर्सनल और एकेडमिक डिटेल्स भरनी होती है। उसके बाद कैंडिडेट को कॉलेज की कट ऑफ लिस्ट का वेट करना होता है जिसमें अगर उसका नाम आ जाता है तो तब उसको काउंसलिंग और एडमिशन के लिए बुलाया जाता है। इस प्रकार से बिना किसी समस्या के माइनिंग इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिला लिया जा सकता है। 

माइनिंग इंजिनियरिंग कोर्स के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए (What should be the qualification for diploma in mining engineering course)

जो छात्र माइनिंग इंजीनियरिंग कोर्स में डिप्लोमा करना चाहते हैं उन में निम्नलिखित योग्यता का होना जरूरी है –

  • छात्र ने बारहवीं कक्षा विज्ञान विषय के साथ पास की हो।
  • 12वीं में छात्र के पास फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी जैसे सब्जेक्ट्स होने अनिवार्य हैं। 
  • कैंडिडेट मेहनती होना चाहिए। 
  • कम्युनिकेशन स्किल्स अच्छे होने के साथ-साथ कंप्यूटर की जानकारी भी होनी चाहिए। 

फीस (fees)

माइनिंग इंजीनियरिंग कोर्स में डिप्लोमा करने के लिए छात्रों को जो फीस देनी पड़ती है वह कॉलेज और लोकेशन के ऊपर सबसे अधिक डिपेंड करती है। यहां बता दें कि जो सरकारी कॉलेज होते हैं उनमें स्टूडेंट से काफी कम फीस ली जाती है जबकि निजी कॉलेजों में कैंडिडेट को अधिक फीस देनी होती है। इस प्रकार से अगर एवरेज कोर्स फीस की बात की जाए तो 19,000 रुपए से लेकर 45,000 रुपए तक सालाना हो सकती है। 

भारत में माइनिंग इंजिनियरिंग कोर्स करने के लिए कॉलेज (College to do mining engineering course in India)

माइनिंग इंजीनियरिंग कोर्स करने के लिए भारत में ऐसे बहुत सारे कॉलेज और इंस्टिट्यूट हैं जहां पर छात्र अपना एडमिशन लेकर पढ़ाई कर सकते हैं जैसे कि – 

  • अन्नामलाई यूनिवर्सिटी अन्नामलाई नगर (Annamalai University Annamalai Nagar)
  • कलिंगा यूनिवर्सिटी रायपुर (Kalinga University Raipur)
  • सिंघानिया यूनिवर्सिटी झुंझुनू (Singhania University Jhunjhunu)
  • गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक नागपुर (Government Polytechnic Nagpur)
  • सेंचुरियन यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट भुवनेश्वर (Centurion University of Technology and Management Bhubaneswar)
  • गोदावरी इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी आंध्र प्रदेश (Godavari Institute of Engineering and Technology Andhra Pradesh)
  • बिहार इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बिहार (Bihar Institute of Technology Bihar)
  • कॉलेज ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग उदयपुर (College of Technology and Engineering Udaipur)
  • इंडियन स्कूल ऑफ माइंस धनबाद (Indian School of Mines, Dhanbad)
  • अनुराग इंजीनियरिंग कॉलेज तेलंगाना (Anurag Engineering College Telangana)

माइनिंग इंजिनियरिंग कोर्स का पाठ्यक्रम/ सब्जेक्ट्स क्या-क्या है (What are the syllabus / subjects of mining engineering course)

माइनिंग इंजीनियरिंग के डिप्लोमा कोर्स में छात्रों को जो सब्जेक्ट्स पढ़ाए जाते हैं उनके बारे में जानकारी हम निम्नलिखित दे रहे हैं जो कि इस प्रकार से है – 

  • इंग्लिश कम्युनिकेशन (English communication)
  • अप्लाइड मैथमेटिक्स (Applied mathematics)
  • अप्लाइड साइंस (Applied science)
  • सर्वेइंग (Surveying)
  • ड्राइंग/प्रैक्टिकल्स (Drawing/practicals)
  • इंजीनियरिंग ग्रैफिक्स  (Engineering graphics)
  • अप्लाइड साइंस लैब (Applied science lab)
  • बेसिक्स ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक (Basics of electrical and electronic)
  • माइनिंग जियोलॉजी (Mining geology)
  • इंट्रोडक्शन टू माइनिंग (Introduction to mining)
  • माइनिंग जियोलॉजी लैब (Mining geology lab)
  • माइनिंग प्रैक्टिस (Mining practice)
  • बेसिक कंप्यूटर स्किल्स (Basic computer skills) 
  • मैकेनिकल टेक्नोलॉजी (Mechanical technology)
  • सरफेस माइनिंग (Surface mining)
  • इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इन अंडरग्राउंड माइन्स (Industrial training in underground mines) 
  • कोल माइनिंग (Coal mining)
  • ब्लास्टिंग टेक्निक्स इन माइन्स (Blasting techniques in mines)
  • माइन एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग लैब (Mine environmental engineering lab)
  • माइन सर्वेइंग प्रैक्टिस (Mine surveying practice)
  • कंप्यूटर एप्लीकेशन इन माइनिंग लैब (Computer application in mining lab)
  • मिनरल रिकवरी (Mineral recovery)
  • माइन मशीनरी (Mine machinery)
  • माइन मशीनरी लैब (Mine machinery lab)
  • सीएएसपी (CASP) 
  • प्रोजेक्ट वर्क (Project work) 
  • माईन लेजिसलेशन एंड जनरल सेफ्टी (Mine legislation and general safety) 
  • रॉक मैकेनिक्स एंड ग्राउंड कंट्रोल (Rock mechanics and ground control) 
  • बेसिक मैनेजमेंट स्किल्स एंड इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन (Basic management skills and Indian Constitution) 
  • प्रोजेक्ट वर्क (Project work)

माइनिंग इंजिनियरिंग कोर्स के बाद कैरियर संभावनाएँ क्या है (What are the career prospects after mining engineering course)

माइनिंग इंजीनियरिंग कोर्स मे डिप्लोमा करने के बाद इस इंडस्ट्री में एक अच्छे प्रोफेशनल को प्राइवेट और सरकारी विभागों में काम करने के बहुत सारे मौके मिल जाते हैं। इस प्रकार से कैंडिडेट निम्नलिखित कंपनियों में काम करने का अवसर हासिल करते हैं जैसे कि – 

  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रॉक मैकेनिक्स (National Institute of Rock Mechanics)
  • एटलस कोपको इंडिया (Atlas Copco India)
  • केपीजीएम बेंगलुरु (KPGM Bengaluru)
  • साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स (South eastern coalfields)

वेतन (salary)

माइनिंग इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद कैंडिडेट को जो वेतनमान मिलता है वह उसकी योग्यता के ऊपर निर्भर करता है। लेकिन अगर शुरुआती सैलरी की बात की जाए तो इस इंडस्ट्री में प्रोफेशनल व्यक्ति को हर महीने तकरीबन 30,000 रुपए से लेकर 50,000 रुपए तक का वेतनमान मिल जाता है। इस प्रकार से एक्सपीरियंस गेन करने के बाद उसे इससे भी ज्यादा का सैलरी पैकेज मिल सकता है जो कि सालाना 5 लाख रुपए से लेकर 6 लाख रुपए तक हो सकता है। 

प्राइवेट सेक्टर में जॉब्स (Jobs in private sector after)

माइनिंग इंजीनियरिंग का डिप्लोमा हासिल करने के बाद एक प्रोफेशनल को प्राइवेट सेक्टर में माइनिंग कंपनीज, मिनिरल प्रोडक्शन कंपनीज, मिनिरल प्रोसेसिंग कंपनीज इत्यादि में काम मिल जाता है। इस तरह से उम्मीदवार निम्नलिखित पदों पर काम करने के लिए आवेदन दे सकता है जैसे कि – 

  • जूनियर माइनिंग इंजीनियर (Junior mining engineer)
  • टेक्निकल कंसलटेंट (Technical consultant)
  • असिस्टेंट माइनिंग ऑपरेटर (Assistant mining operator)
  • असिस्टेंट टेक्निकल साइंटिस्ट (Assistant technical scientist)
  • अकाउंट क्लर्क (Account clerk)
  • टेक्निकल प्रोग्रामिंग एग्जीक्यूटिव (Technical programming executive)
  • टेक्निकल लीड (Technical lead)
  • मार्केट रिसर्च स्पेशलिस्ट (Market research specialist)
  • माइन डिजाइनर (Mine designer)

गवर्नमेंट सेक्टर में जॉब्स (Jobs in government sector)

गवर्नमेंट सेक्टर में भी माइनिंग इंजीनियरिंग कोर्स करने के बाद पेशेवर व्यक्ति को काम करने के चांस मिल जाते हैं। यहां बता दें कि जब कैंडिडेट अपना डिप्लोमा हासिल कर लेता है तो उसके बाद वह सरकार के द्वारा ऑपरेटेड माइनिंग फॉर्म्स ओएनसीजी के अलावा निम्नलिखित कंपनियों में काम कर सकता है – 

  • जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (Geological survey of India)
  • कोल इंडिया (Coal India)
  • गुजरात मिनिरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (Gujarat mineral development corporation)
  • ऑयल (oil)
  • राजस्थान स्टेट माइंस एंड मिनरल्स (Rajasthan state mines and minerals) 
  • उड़ीसा माइनिंग कॉरपोरेशन (Odisha mining corporation)
  • तमिलनाडु मिनरल्स लिमिटेड (Tamil Nadu minerals Limited) 

निष्कर्ष

दोस्तों यह था हमारा आज का आर्टिकल माइनिंग इंजिनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स (Diploma in Mining Engineering) कैसे करें पूरी जानकारी। इसमें हमने आपको बताया कि माइनिंग इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स क्या होता है और इसकी अवधि कितनी होती है। इस लेख में हमने आपको यह जानकारी भी दी कि इस पाठ्यक्रम के लिए प्रवेश परीक्षा और प्रवेश प्रक्रिया क्या रखी गई है। साथ ही हमने आपको यह भी बताया कि इस कोर्स को अगर कोई कैंडिडेट करना चाहता है तो उसके अंदर कितनी योग्यता होनी चाहिए और उसे कितने रुपए तक की फीस का भुगतान करना पड़ सकता है। 

इसके अलावा हमने इस पोस्ट के माध्यम से आपको यह जानकारी भी दी कि हमारे देश भारत में माइनिंग इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स को करने के लिए कौन कौन से कॉलेज और संस्थान अच्छे हैं। एवं वहां पर पढ़ाए जाने वाले सिलेबस के बारे में भी हमने आपको बताया। इसके अलावा हमने आपको इस लेख के द्वारा यह भी बताया कि इस कोर्स को करने के बाद ट्रेंड प्रोफेशनल के सामने प्राइवेट और गवर्नमेंट सेक्टर में कैरियर की क्या-क्या संभावनाएं होती हैं। अंत में हमारा आपसे बस यही निवेदन है कि अगर आपको हमारा यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसे अपने उन दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें जो 12वीं के बाद माइनिंग इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स को करने के इच्छुक हैं। 

Deepak Kumar

मेरा नाम दीपक कुमार हैं। मैं एक ऑथर और फाउंडर हूँ जो padhaiwale.in ब्लॉग वेबसाइट को चलाते है। मैं एक SEO Expert भी हूँ और मैं 10 साल से काम कर रहे हैं। मुझे SEO में Onpage SEO, Offpage SEO और Technical SEO का अनुभव हैं।

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