नमस्कार! दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि एपिग्राफिस्ट (Epigraphist) कैसे बनें? बहुत से लोगों को इतिहास की चीजों को एनालाइज करना बेहद पसंद होता है जिसकी वजह से वह क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना पसंद करते हैं। यहां बता दें कि जो छात्र 12वीं कक्षा तक हिस्ट्री सब्जेक्ट को पढ़ते हैं वह इस क्षेत्र में अपना भविष्य बना सकते हैं।
अगर आपको भी मंदिरों, मकबरों, शिलालेखों या फिर स्मारकों की खोज करना व उनके बारे में अध्ययन करना पसंद है और आप इस क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने के लिए जरूरी जानकारी ढूंढ रहे हैं। तो आप हमारे आज के इस आर्टिकल को सारा पढ़ें और जानें कि आप किस प्रकार से 12वीं के बाद एपिग्राफी में अपना कैरियर बन सकते हैं।
एपिग्राफिस्ट क्या है (what is Epigraphist in Hindi)
यहां आपको सबसे पहले जानकारी दे दें कि एपिग्राफिस्ट एक ऐसा प्रोफेशनल है जिसको हिंदी में पुरालेखवेत्ता कहते हैं। इनका काम प्राचीन शिलालेखों का अध्ययन और विश्लेषण करने का होता है। बताते चलें कि इन पेशेवरों की सहायता से हम शिलालेखों को समझने के साथ-साथ उनको संरक्षित भी कर सकते हैं। इस तरह से एपिग्राफिस्ट का मुख्य कार्य इतिहास यानी कि अतीत के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने का होता है।
यहां आपको यह भी बता दें कि एपीग्राफी हमारे इतिहास का सबसे स्थाई और सबसे ज्यादा प्रमाणिक दस्तावेज माना जाता है, जो ऐतिहासिक घटनाओं के बारे में सटीक जानकारी हासिल करने का एक महत्वपूर्ण जरिया है।
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एपिग्राफिस्ट बनने के लिए प्रक्रिया क्या है
जो छात्र एपिग्राफिस्ट बनना चाहते हैं उन्हें चाहिए कि वह सबसे पहले अपनी 12वीं कक्षा हिस्ट्री जैसे विषय के साथ पास करें और उसके बाद कैंडिडेट अपनी ग्रेजुएशन हिस्ट्री, आर्कोलॉजी, एपीग्राफी, लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन या फिर किसी भी रिलेटेड सब्जेक्ट में कर सकते हैं। इस तरह से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद कैंडिडेट चाहे तो वह इस क्षेत्र में पीजी डिप्लोमा या फिर मास्टर डिग्री के अलावा पीएचडी भी कर सकता है और अगर वह नौकरी करना चाहता है तो इसके लिए वह प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर ऑर्गेनाइजेशन में जॉब करने के लिए आवेदन दे सकता है।
योग्यता
- कैंडिडेट ने लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन, हिस्ट्री, एपिग्राफी में ग्रेजुएशन किया हो।
- छात्र को हिस्ट्री से रिलेटेड सारी जानकारी होनी चाहिेए।
- उसे स्मारकों, मकबरों या शिलालेखों का अध्ययन और विश्लेषण करना आना चाहिए।
- कैंडिडेट के कम्युनिकेशन स्किल्स अच्छे होने चाहिए।
- छात्र हार्ड वर्किंग और डेडीकेटेड होना चाहिए जिससे कि वह अपनी ड्यूटी पर्फेक्ट तरीके से निभा सके।
आयु सीमा
- छात्र की आयु एडमिशन के समय कम से कम 17 साल से लेकर 18 साल के बीच में होनी चाहिए।
- जो कैंडिडेट आरक्षित श्रेणियों के हैं उन्हें सरकार के नियम अनुसार आयु सीमा में छूट दी गई है।
एपिग्राफिस्ट बनने के कैरियर संभावनाएं क्या है
जब कोई कैंडिडेट एपीग्राफिस्ट बन जाता है तो उसके सामने कैरियर के बहुत सारे अवसर आते हैं जहां पर वह गवर्नमेंट और कॉर्पोरेट ऑर्गेनाइजेशन के साथ काम कर सकता है। इसके साथ साथ कैंडिडेंट निम्नलिखित जगहों पर काम करने के मौके भी मिलते हैं –
- म्यूजियम
- आर्कलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया
- एनजीओ
- यूनिवर्सिटी
- कॉलेज
वेतन
जो कैंडिडेट एपिग्राफिस्ट के तौर पर काम करते हैं उन्हें हर महीने 30,000 से लेकर 50,000 तक का वेतन उनके कैरियर की शुरूआत में ही मिल जाता है। इसके अलावा अगर किसी कैंडिडेट को किसी बाहर की कंट्री में काम करने का मौका मिलता है तो तब उसे इससे भी ज्यादा सैलरी पैकेज मिल जाता है जो लाखों रुपए तक हो सकता है।
एपिग्राफिस्ट के कार्य
एपिग्राफिस्ट के पद पर काम करने वाले कैंडिडेट को निम्नलिखित कार्य करने होते हैं जिनकी जानकारी इस प्रकार से है-
- मकबरों के अभिलेखागार या शिलालेखों की खोज करना।
- मंदिरों और किलो के बारे में अध्ययन करना।
- ऐतिहासिक घटनाओं, तिथियों और स्थानों आदि सूचनाओं को एकत्रित करना और उन्हें समझना।
- किसी भी हिस्ट्री की जानकारी को हासिल करने के लिए फील्ड वर्क करने के साथ-साथ रिसर्च करना।
- प्राचीन भाषाओं और लिपियों के विकास के बारे में सर्च करना।
- ऐतिहासिक अवशेषों के आधार पर अपनी प्राचीन संस्कृति के साथ-साथ सभ्यता की जानकारी को दुनिया के सामने लाना।
- ऐतिहासिक अवशेषों की खोज करना।
निष्कर्ष
दोस्तों यह था हमारा आज का आर्टिकल एपिग्राफिस्ट (Epigraphist) कैसे बनें? इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको जानकारी दी कि एपिग्राफिस्ट क्या होता है और किसी कैंडिडेट में इसके बनने के लिए कितनी योग्यता का होना जरूरी है। इसके साथ ही साथ हमने आपको यह जानकारी भी दी कि पुरालेखवेत्ता बनने की प्रक्रिया क्या होती है और जब कैंडिडेट इस पद पर काम करता है तो उसे कौन-कौन से कार्य करने पड़ते हैं।
साथ ही साथ हमने आप को यह भी बताया कि एपिग्राफिस्ट बनने के बाद किसी कैंडिडेट के सामने नौकरी करने के कौन-कौन से अवसर होते हैं और उसे हर महीने कितनी सैलरी मिल सकती है। वैसे अगर देखा जाए तो जिन लोगों को इतिहास का अध्ययन करना और अवशेषों को खोजना पसंद होता है वह इस क्षेत्र में अपना काफी अच्छा कैरियर बना सकते हैं।
अंत में हमारी आपसे बस यही रिक्वेस्ट है कि अगर आपको हमारा आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे अपने उन दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें जो 12वीं के बाद एपीग्राफिस्ट बनना चाहते हैं।