मेडिकल ट्रांसक्रिप्शनिस्ट (Medical Transcriptionist) कैसे बनें?

नमस्कार! आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे मेडिकल ट्रांसक्रिप्शनिस्ट कैसे बनें? वर्तमान में बहुत सारे लोग मेडिकल ट्रांसक्रिप्शनिस्ट के क्षेत्र में अपने लिए रोजगार के अवसर तलाश कर रहे हैं क्योंकि उन्हें इस क्षेत्र में रुचि होने के साथ-साथ काम करना भी अच्छा लगता है।

परंतु बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं जो इस फील्ड में काम तो करना चाहते हैं पर उन्हें सही जानकारी नहीं होती कि वह किस तरह से इसमें अपना कैरियर बना सकते हैं। अगर आप भी मेडिकल ट्रांसक्रिप्शनिस्ट बनने से संबंधित जानकारी जानना चाहते हैं तो हमारे आज के इस पोस्ट को सारा पढ़ें और जानें पूरी प्रक्रिया के बारे में।  

मेडिकल ट्रांसक्रिप्शनिस्ट क्या होता है (what is Medical Transcriptionist in Hindi) 

यहां पर सबसे पहले आपको बता दें कि मेडिकल ट्रांसक्रिप्शनिस्ट एक ऐसा एक्स्पर्ट प्रोफेशनल होता है जो मेडिकल रिकॉर्ड्स को ट्रांसक्राइब करने का काम करता है और इसे एमटी भी कहा जाता है। बता दें कि हेल्थ केयर सेक्टर में इस पद पर आज बहुत सारे छात्र काम करना चाहते हैं और यहां यह भी बता दें कि पहले के समय में विदेशों में एक मेडिकल ट्रांसक्रिप्शनिस्ट की बहुत ही ज्यादा डिमांड रहती थी लेकिन आज के समय में भारत के अंदर भी इस मेडिकल प्रोफेशनल की आवश्यकता हर दिन बढ़ती जा रही है।

देखा जाए तो मेडिकल से जुड़े हुए सभी कागजी संबंधित कामों की कार्यवाहियों को करने की जिम्मेदारी मेडिकल ट्रांसक्रिप्शनिस्ट को दी जाती है। इस प्रकार डॉक्टर के द्वारा बोली गई किसी भी मेडिकल सेवा को टेक्स्ट के रूप में बदलने का काम केवल एमटी ही कर सकता है। 

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मेडिकल ट्रांसक्रिप्शनिस्ट बनने के लिए प्रक्रिया क्या है

जो कैंडिडेट मेडिकल ट्रांसक्रिप्शनिस्ट बनने की प्रक्रिया जानना चाहते हैं उन्हें यहां जानकारी दे दें कि इसके लिए कैंडिडेट 12वीं के बाद मेडिकल ट्रांसक्रिप्शनिस्ट से जुड़ा हुआ कोई कोर्स कर सकता है जो कि 1 साल का डिप्लोमा या 6 महीने का सर्टिफिकेट कोर्स हो सकता है। इसके अलावा छात्र अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद भी मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन का काम सीख सकता है।

यहां बता दें कि इसके लिए यह बहुत ही जरूरी है कि छात्र की अंग्रेजी बहुत अच्छी हो जिससे कि वह डॉक्टर द्वारा बोली गई सभी बातों को ठीक से सुनकर उन्हें लिख सके। 

योग्यता 

  • छात्र ने कम से कम 12वीं कक्षा पास की होनी चाहिए।
  • मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन का कोर्स किया होना चाहिए।
  • कंप्यूटर का ज्ञान होना चाहिए।
  • दवाइयों की जानकारी होनी चाहिए।
  • इंग्लिश लैंग्वेज प्रोफिशिएंसी होनी चाहिए।
  • डॉक्टर द्वारा बोली गई जानकारी को ठीक से सुनने और समझने की सलाहियत होनी चाहिए। 

आयु सीमा 

  • इच्छुक उम्मीदवार की आयु कम से कम 18 साल तक होनी चाहिए।
  • अधिकतम आयु सीमा निर्धारित नहीं की गई है। 

मेडिकल ट्रांसक्रिप्शनिस्ट बनने के कैरियर संभावनाएं क्या है 

जब कोई कैंडिडेट मेडिकल ट्रांसक्रिप्शनिस्ट बन जाता है तो तब उसके सामने नौकरी के बहुत सारे अवसर प्राइवेट सेक्टर के साथ-साथ गवर्नमेंट सेक्टर में भी उपलब्ध हो जाते हैं। इसके साथ-साथ नर्सिंग होम, हेल्थ केयर सेंटर, लैबोरेट्री, इत्यादि में भी कैंडिडेट काम कर सकता है। या फिर अगर वह चाहे तो अपनी स्वयं की मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन कंपनी आरंभ कर सकता है। 

वेतन 

जब कोई व्यक्ति मेडिकल ट्रांसक्रिप्शनिस्ट के रूप में काम शुरू करता है तो तब उसे हर महीने 10,000 से लेकर 15,000 तक का वेतन मिलता है जो कि कुछ वर्षों का अनुभव हासिल होने के बाद 30,000 से लेकर 40,000 तक हो जाता है। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति अपना स्वयं का काम आरंभ करता है तो तब उसे हर महीने और भी ज्यादा पैसे कमाने का मौका मिल जाता है। 

मेडिकल ट्रांसक्रिप्शनिस्ट के कार्य 

  • डॉक्टर की वॉइस रिकॉर्डिंग सुन कर उसे टैक्स्ट में बदलना।
  • पेशेंट की मेडिकल रिपोर्ट दर्ज करना।
  • पेशेंट का रिकॉर्ड तैयार करना और इकट्ठा करना उसके हेल्थ का चार्ट फाइल तैयार करना। 
  • डिक्टेशन टैब को ट्रांसक्रिप्ट करके रिपोर्ट बनाना। 
  • ट्रांसक्राइब का कार्य करने के लिए हेडसेट, कंप्यूटर जैसे उपकरणों का इस्तेमाल करने के साथ-साथ ट्रांसक्रिप्शन सॉफ्टवेयर का प्रयोग करना। 
  • डॉक्टर द्वारा बोली गई सारी बातों को तेजी के साथ बिना किसी गलती के टाइपिंग करना। 
  • अस्पतालों, नर्सिंग होम इत्यादि में प्रतिलेखन सेवाएं प्रदान करना। 

निष्कर्ष 

दोस्तों यह था हमारा आज का आर्टिकल जिसमें हमने आपको बताया कि Medical Transcriptionist कैसे बनें? इस लेख के माध्यम से हमने आपको यह जानकारी दी कि मेडिकल ट्रांसक्रिप्शनिस्ट क्या होता है और इसके बनने के लिए कितनी योग्यता की आवश्यकता होती है। इसके अलावा हमने आपको यह भी बताया कि मेडिकल ट्रांसक्रिप्शनिस्ट बनने की पूरी प्रक्रिया क्या है और छात्रों को कैरियर के कौन-कौन से अवसर इस फील्ड में मिल सकते हैं एवं हर महीने कितना वेतन प्राप्त कर सकते हैं।

वैसे अगर देखा जाए यदि किसी कैंडिडेट को मेडिकल भाषा की जानकारी के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा का अच्छा ज्ञान हो तो वह एमटी के रूप में अपना कैरियर काफी सफलतापूर्वक बना सकता है।

अंत में हमारा आपसे यह निवेदन है कि अगर यह पोस्ट आपको जानकारी वाली लगी हो तो इसे उन लोगों के साथ भी जरूर शेयर करें जो 12वीं के बाद मेडिकल ट्रांसक्रिप्शनिस्ट बनना चाहते हैं।

Deepak Kumar

मेरा नाम दीपक कुमार हैं। मैं एक ऑथर और फाउंडर हूँ जो padhaiwale.in ब्लॉग वेबसाइट को चलाते है। मैं एक SEO Expert भी हूँ और मैं 10 साल से काम कर रहे हैं। मुझे SEO में Onpage SEO, Offpage SEO और Technical SEO का अनुभव हैं।

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