दूरस्थ शिक्षा (Distance Education) से पढाई कैसे करें पूरी जानकारी

दूरस्थ शिक्षा या distance education के माध्यम से कोई भी छात्र अपनी पढ़ाई को बिना कॉलेज जाए जारी रख सकता है। यह एक बहुत अच्छा तरीका है उन छात्रों के लिए जो आगे पढ़ना चाहते हैं। लेकिन अधिकतर छात्रों के साथ समस्या यह होती है कि उन्हें इसके बारे में पूरी जानकारी पता नहीं होती या फिर ऐसा होता है कि कुछ लोग उन्हें गलत जानकारी दे देते हैं जिसकी वजह से छात्रों का नुकसान हो जाता है।

इसीलिए आज के इस आर्टिकल में हम दूरस्थ शिक्षा से जुड़ी हुई सारी जानकारी आपके साथ साझा करेंगे ताकि आपको डिस्टेंस एजुकेशन के बारे में विस्तार से सब कुछ समझ आ जाए। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि दूरस्थ शिक्षा क्या होती है और यह कितने तरह की होती है। इसके अलावा हम यह भी बताएंगे कि दूरस्थ शिक्षा के लिए कौन कौन से कोर्सेज  सबसे अच्छे हैं जिनमें लोग पढ़ाई करना अधिक पसंद करते हैं।  

दूरस्थ शिक्षा क्या है? ( What is Distance Education in Hindi)

दूरस्थ शिक्षा प्रणाली शिक्षा को जारी रखने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस तरह दूरस्थ शिक्षा का अर्थ हुआ ऐसी शिक्षा जिसे दूर से सीखा जा सकता है। इसके लिए किसी भी विद्यार्थी को अपने घर से पढ़ने के लिए संस्थान जाने की आवश्यकता नहीं होती बल्कि वह घर रह कर अपनी पढ़ाई कर सकता है।

यह शिक्षा प्रणाली उन लोगों के लिए भी अत्यंत लाभदायक है जो शारीरिक रूप से फिट नहीं है या उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या है। ऐसे में उनके लिए रेगुलर कॉलेज जाना संभव नहीं हो पाता तो वह छात्र अपनी एजुकेशन को अपने घर से ही पूरा कर सकते हैं। दूरस्थ शिक्षा में आपको विभिन्न प्रकार के कोर्स करने को मिल जाते हैं जिसके कारण आप अपने पसंदीदा विषय के अंदर अपनी पढ़ाई कर सकते हैं। हर वर्ष डिस्टेंस एजुकेशन से पढ़ने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। 

दूरस्थ शिक्षा की शुरुआत सर्वप्रथम किसने किया?

दूरस्थ शिक्षा की शुरुआत भारत में 1960 के आसपास हुई थी जिसका प्रमुख उद्देश्य उच्च शिक्षा की सुविधा को बढ़ाना एवं संध्या कालीन कॉलेज और पाठ्यक्रम को मान्यता दिया जाना था। भारत में इसकी शुरुआत का श्रेय उस समय के शिक्षा मंत्री डॉक्टर के ऐ श्री माली को जाता है क्योंकि उन्होंने ही उच्च शिक्षा की बढ़ती हुई मांग को समझा और साथ में प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रमों को प्रभावशाली बनाने की जरूरत को महसूस किया था। उस समय विदेशों में दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रम काफी सफलतापूर्वक चलाए जा रहे थे इसीलिए भारत में भी दूरस्थ शिक्षा प्रणाली को शुरू किया गया। 

दूरस्थ शिक्षा के उद्देश्य क्या है?

  • उन सभी छात्रों को उपयुक्त शिक्षा प्रदान करना जो योग्य और पढ़ने के  इच्छुक हैं। ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिनके जीवन में विभिन्न प्रकार के समस्याएं हैं जिनके चलते वह अपना रेगुलर कॉलेज शुरू नहीं कर सकते इसलिए उसके विकल्प के तौर पर दूरस्थ शिक्षा प्रणाली सबसे उत्तम है।
  • ऐसे लोगों के लिए शिक्षा सुविधाएं प्रदान करना जो जिंदगी भर ज्ञान प्राप्त करने के लिए अपना अध्ययन जारी रखना चाहते हैं। 
  • दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के माध्यम से सभी श्रमिकों, ग्रहणियों, कृषकों, नौकरी पेशा इत्यादि वर्ग को शिक्षा जारी रखने का अवसर दिया जाता है। 
  • ऐसे नागरिकों को शिक्षा उपलब्ध कराना जो अपने ज्ञान में सुधार करने के इच्छुक होते हैं। 
  • सभी वर्गों के लिए कम महंगी शिक्षा प्रदान करना ताकि पैसे की कमी के कारण किसी भी व्यक्ति की शिक्षा ना रुके।

पाठ्यक्रम

दूरस्थ शिक्षा के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रम आते हैं जिनमें कोई भी छात्र अपनी रूचि और आवश्यकता अनुसार प्रवेश लेकर पढ़ाई कर सकता है। इसके पाठ्यक्रम काफी व्यापक हैं जिनमें से कुछ लोकप्रिय पाठ्यक्रमों की सूची हम नीचे दे रहे हैं- 

  • बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन्स (Bachelor of Computer applications -BCA)
  • बैचलर आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (Bachelor of Business Administration- BBA)
  • मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (Master of Business Administration-MBA) 
  • बैचलर ऑफ एजुकेशन (Bachelor of Education-B.Ed.) 
  • बैचलर ऑफ लॉज (Bachelor of Laws– L.L.B./B.L) 
  • हुमन रिसोर्स मैनेजमेंट (Human Resource Management- HRM)
  • हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट स्टडीज (Hospitality Management Studies)
  • मास्टर ऑफ कॉमर्स (Master of Commerce-M.Com)
  • बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास  कम्युनिकेशन (Bachelor of journalism and mass communication)
  • मास्टर ऑफ साइंस इन अप्लाइड साइकोलॉजी (Master of Science in applied psychology) 

दूरस्थ शिक्षा के लाभ क्या है?

दूरस्थ शिक्षा के विभिन्न प्रकार के लाभ हैं जो कि निम्नलिखित हैं-

  • दूरस्थ शिक्षा के द्वारा कहीं भी और किसी भी समय अपनी शिक्षा को जारी रख सकते हैं क्योंकि इस शिक्षा प्रणाली में इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप देश में कहां रह रहे हैं। बहुत से ऐसे अंतरराष्ट्रीय कोर्स भी हैं जो डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से करवाए जाते हैं जिनमें दूसरे देशों के छात्र प्रवेश लेकर पढ़ाई करते हैं।
  • अगर किसी के पास समय की कमी है तो वह अपनी पढ़ाई दिन के समय ना करके रात के समय भी कर सकता है। आपको कहीं पर भी व्यक्तिगत रूप से जाने की आवश्यकता नहीं होती। ‌
  • आपको अपनी पढ़ाई के लिए घर से निकलने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि आप अपने घर में रहकर अपने कंप्यूटर पर अपनी पढ़ाई कर सकते हैं इस तरह आप भीड़-भाड़ वाले इलाकों एवं बसों, ट्रेनों आदि में सफ़र करने से बच सकते हैं। इस तरह आप के समय और पैसे एवं ऊर्जा की बचत होती है। 
  • दूरस्थ शिक्षा प्रणाली में एक फ़ायदा यह भी है कि आपकी कॉलेज में शामिल होने के लिए जो लागत लगती है वह रेगुलर कॉलेज की तुलना में बहुत कम होती है।
  • डिस्टेंस एजुकेशन में पढ़ाई करते समय आप अपने दूसरे अन्य काम भी ठीक प्रकार से कर सकते हैं जैसे यदि आप कहीं पर नौकरी कर रहे हैं तो इसके लिए आपको अपनी नौकरी छोड़ने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। या फिर यदि आप किसी वजह से घर से बाहर नहीं जा सकते तो तब भी यह आपके लिए काफी लाभदायक तरीका है अपनी पढ़ाई को जारी रखने का। 

दूरस्थ शिक्षा के बाद करियर क्या है?

दूरस्थ शिक्षा के बाद कोई भी छात्र विभिन्न प्रकार की सरकारी और निजी कंपनियों में अपनी योग्यता अनुसार आवेदन कर सकता है। ‌इसलिए अभ्यर्थी को चाहिए कि जिस विषय में भी उसने पढ़ाई की है उससे संबंधित नौकरी के लिए अप्लाई करें। इसके अलावा कैंडिडेट यूपीएससी , एसएससी जैसी बड़ी परीक्षाओं में बैठ सकता है। 

दूरस्थ शिक्षा की समस्या क्या है?

दूरस्थ शिक्षा के वैसे तो अनेकों फायदे हैं लेकिन जिस तरह किसी भी चीज के फायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं उसी तरह से दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के फायदों के साथ-साथ कुछ नुकसान व समस्याएं भी हैं जो कि इस प्रकार हैं – 

  • दूरस्थ शिक्षा में सबसे बुरी बात यह होती है कि यहां पर कॉलेज के शिक्षकों से किसी भी प्रकार की बातचीत नहीं हो सकती। इसलिए यदि कभी आपको किसी प्रोफेसर की मदद की आवश्यकता पड़ती है तो आप उनकी मदद नहीं ले सकते। 
  • डिस्टेंस एजुकेशन के द्वारा कोई भी छात्र अधिक गंभीरता से अपनी पढ़ाई को नहीं लेता है क्योंकि उसके पास पढ़ाई में कंपटीशन करने के लिए उसके सहभागी और मित्र नहीं होते जबकि एक कॉलेज में प्रतिस्पर्धा और सीखने का माहौल बहुत अधिक होता है। इस तरह आप को अकेले ही अपनी पढ़ाई को करना होता है जिससे आप बहुत अधिक मोटिवेट नहीं हो पाते। 
  • दूरस्थ शिक्षा माध्यम से पढ़ाई करते समय आप बोर भी हो सकते हैं क्योंकि आपके साथ वहां पर पड़ने वाला कोई अन्य आपका दोस्त नहीं होता। इसलिए पढ़ाई में रुचि खत्म हो जाती है।
  • बहुत सी प्राइवेट और सरकारी कंपनियां ऑनलाइन डिग्री लेने वालों को नौकरी नहीं देते हैं क्योंकि उनके हिसाब से नियमित कॉलेज डिग्री लेना अधिक उत्तम होता है जहां पर गंभीर रूप से पढ़ाई करवाई जाती है। 

निष्कर्ष

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि दूरस्थ शिक्षा क्या है और डिस्टेंस एजुकेशन से पढ़ाई कैसे की जा सकती है। इसके साथ ही हमने आपको बताया उन कोर्सेज के बारे में जो अत्यधिक लोकप्रिय हैं और छात्र जिनकी तरफ अत्यधिक आकर्षित होते हैं। अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर करना ना भूले। साथ ही यदि इस आर्टिकल से संबंधित आपको कुछ पूछना है तो कृपया करके हमें कमेंट करें। 

Deepak Kumar

मेरा नाम दीपक कुमार हैं। मैं एक ऑथर और फाउंडर हूँ जो padhaiwale.in ब्लॉग वेबसाइट को चलाते है। मैं एक SEO Expert भी हूँ और मैं 10 साल से काम कर रहे हैं। मुझे SEO में Onpage SEO, Offpage SEO और Technical SEO का अनुभव हैं।

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