नमस्कार! दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कैरियर काउंसलर (Career Counselor) कैसे बनें? यहां आपको बता दें कि मौजूदा समय में हर छात्र को ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता होती है जो उसे उसके कैरियर के मामले में सही राय दे सके जिससे कि उसका भविष्य सुरक्षित हो जाए।
इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि बहुत से छात्र अपने टैलेंट को पहचाने बिना ही किसी भी फील्ड में काम करने का सोच लेते हैं जिसके लिए वे अनेकों प्रकार के कोर्स भी करते हैं लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिलती जिसकी सबसे बड़ी वजह है कि उन्हें सही गाइडेंस नहीं दी जाती है। इसीलिए अगर विद्यार्थियों को एक सही मार्गदर्शन करने वाला व्यक्ति मिल जाए तो वह अपने जीवन में काफी आगे तक जा सकते हैं।
अगर आप में भी यह क्वालिटी है कि आप छात्रों का मार्गदर्शन कर सकते हैं तो आप कैरियर काउंसलर के रूप में काम कर सकते हैं। इसके लिए जानकारी हासिल करने के लिए आप हमारे पोस्ट को पूरा पढ़ें और जानें कि आप किस प्रकार से कैरियर काउंसलर बन सकते हैं।
कैरियर काउंसलर क्या होता है ( what is Career Counselor in Hindi)
यहां सबसे पहले जानकारी के लिए बता दें कि कैरियर काउंसलर क्या होता है तो यह एक ऐसा प्रोफेशनल होता है जो छात्रों को यह सलाह देता है कि वह 12वीं के बाद कौन से विषय में अपना कैरियर बना सकते हैं और इस प्रकार उन्हें एक सही दिशा दिखाकर उनकी समस्या का समाधान करता है। इस प्रकार से एक कैरियर काउंसलर युवाओं की इंटरेस्ट, स्किल्स के आधार पर उन्हें सही फील्ड चुनने में मदद करता है।
यहां यह भी जानकारी दे दें कि वर्तमान में हर चीज में बहुत ही ज्यादा कंपटीशन बढ़ गया है जिसकी वजह से किसी भी क्षेत्र में युवाओं के सफल होने के चांस केवल तभी सबसे ज्यादा होते हैं जब उससे संबंधित जानकारी भी रखते हो। इसीलिए कैरियर काउंसलर का रोल यहां पर बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि वह स्टूडेंट्स का आंकलन करके उन्हें कैरियर की सही दिशा में गाइड करता है।
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कैरियर काउंसलर बनने के लिए प्रक्रिया क्या है
जो कैंडिडेट कैरियर काउंसलर बनने के इच्छुक हैं उन्हें जानकारी के लिए बता दें कि अगर उनकी इस फील्ड में काम करने की तमन्ना है तो उन्हें इससे जुड़ा हुआ कोर्स करना होगा जिसके लिए सबसे पहले उन्हें ग्रेजुएशन पूरी करनी होगी फिर उसके बाद उन्हें कैरियर काउंसलिंग का कोर्स करना होगा। वैसे कुछ छात्र 12वीं के बाद भी केरियर काउंसलिंग का डिग्री कोर्स कर सकते हैं जैसे कि बीए इन साइकोलॉजी, बीएससी इन साइकोलॉजी इत्यादि। इस प्रकार से एक कैंडिडेट इस क्षेत्र में अपना काम करके विद्यार्थियों की मदद कर सकता है।
योग्यता
- कैंडिडेट ने साइकोलॉजी विषय में स्नातक किया होना चाहिए।
- या कैरियर काउंसलिंग में डिप्लोमा किया हो।
- उम्मीदवार में छात्रों की साइकोलॉजी की समझ होनी चाहिए।
- विभिन्न पाठ्यक्रमों की जानकारी होनी चाहिए।
आयु सीमा
इस फील्ड में काम करने के लिए कैंडिडेट की आयु 20 वर्ष होनी जरूरी है और अधिकतम आयु निर्धारित नहीं है। इसलिए कैंडिडेट इस क्षेत्र में किसी भी आयु तक काम कर सकता है।
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कैरियर काउंसलर बनने के कैरियर संभावनाएं क्या है
कैंडिडेट कैरियर काउंसलर बन कर शिक्षण संस्थानों में नौकरी कर सकते हैं क्योंकि आज हमारे देश में बहुत सारे शिक्षा संस्थान है जहां पर कैरियर काउंसलर की आवश्यकता होती है। इसके अलावा न्यूज़पेपर में काम कर सकते हैं क्योंकि कैरियर काउंसलर के लिए जो कॉलम होता है वहां पर वह लेखन कार्य कर सकते हैं।
साथ ही साथ अगर चाहें तो अपना खुद का इंस्टिट्यूट भी खोल सकते हैं और इसके अलावा सेमिनार में भी इन को इनवाइट किया जाता है। इस तरह से कैंडिडेट को रिसर्च फील्ड में भी काम करने का अवसर मिलता है जहां पर वह नई नई चीजों को जानकर दूसरे लोगों को बताता और समझाता है।
वेतन
कैरियर काउंसलर बनने के बाद कोई भी व्यक्ति हर महीने 25,000 से लेकर 30,000 रुपए तक आसानी के साथ पा सकता है। इसके अलावा अगर कैंडिडेट में योग्यता है तो वह इस फील्ड में और भी अधिक वेतन हासिल कर सकता है और कुछ दिनों के बाद उसे एक्सपीरियंस हो जाता है तो तब और भी अधिक सैलरी पा सकता है।
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कैरियर काउंसलर के कार्य
कैरियर काउंसलर के रूप में काम करने वाले व्यक्ति के अंदर धैर्य, बुद्धि और विवेक का समावेश होना चाहिए जिससे कि वह अपना कार्य ठीक प्रकार से कर सकें। उसके द्वारा किए जाने वाले कार्य इस प्रकार से हैं-
- युवाओं की समस्याओं को प्रभावशाली ढंग से सुनता है और उन्हें कैरियर के क्षेत्र में उचित राय देता है।
- छात्रों की समस्या को शीघ्रता से समझ कर उसका विश्लेषण करके उसके अनुरूप समाधान प्रस्तुत करता है।
- स्टूडेंट के स्किल को पहचान कर उसे उस विषय के बारे में पढ़ाई करने की सलाह देता है जिसमें वह सबसे अच्छा होता है।
- छात्रों को मोटिवेट करने के लिए सेमिनार में जाता है।
- अपने रिसर्च वर्क को हर दिन इंप्रूव करता है जिससे कि लोगों को ठीक प्रकार से सही सलाह दे सके।
- जो छात्र अपने कैरियर को लेकर बहुत ही ज्यादा उलझन या परेशानी में होते हैं उनकी बात को धैर्य के साथ सुनकर सही राय देता है।
- रिज्यूमे लिखने और कवर लेटर लिखने में क्लाइंट की मदद करते हैं।
- देश विदेश में करवाए जाने वाले कोर्सेज के बारे में पूरी जानकारी रखते हैं और छात्रों का मार्गदर्शन करते हैं।
निष्कर्ष
दोस्तों यह था हमारा आज का आर्टिकल जिसमें हमने आपको बताया कि कैरियर काउंसलर (Career Counselor) कैसे बनें? इस लेख में हम ने जानकारी दी कि कैरियर काउंसलर बनने के लिए कैंडिडेट में कितनी योग्यता होनी चाहिए और कैरियर काउंसलर क्या होता है।
इसके साथ-साथ हमने आपको यह भी बताया कि कैरियर काउंसलर बनने की पूरी प्रक्रिया क्या है और यह भी बताया कि हर महीने इस पद पर काम करते हुए कितना सैलेरी पैकेज प्राप्त किया जा सकता है। साथ ही साथ इस से संबंधित सभी अनिवार्य बातों की जानकारी दे दी है। वैसे यहां अगर देखा जाए तो किसी कैंडिडेट को अगर युवाओं की समस्याओं को समाधान करने में रुचि है तो वह इस क्षेत्र में बहुत ही बेहतरीन कैरियर बना सकते हैं।
अंत में आपसे हमारा यही निवेदन है कि अगर आपको हमारा यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे अपने उन दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें जो इस फील्ड में काम करना चाहते हैं।