सिविल इंजीनियर (Civil Engineer) कैसे बनें

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दोस्तों अगर आपको इंफ्रास्ट्रक्चर से प्यार है और आप चाहते हैं कि आप भी अपने देश में विभिन्न भवनों, इमारतों, हवाई अड्डों का निर्माण करें तो इसके लिए आपको सिविल इंजीनियर बनने की पढ़ाई करनी होगी। अगर आपने 12वीं कक्षा पास कर ली है तो आप 12वीं के बाद सिविल इंजीनियर के क्षेत्र में अपना कैरियर बना सकते हैं। 

यहां आपको जानकारी के लिए बता दें कि अगर आप सिविल इंजीनियर बन जाते हैं तो उसके बाद आपको इस सेक्टर में नौकरी के लिए बिल्कुल भी परेशान नहीं होना पड़ेगा। तो अगर आप 12वीं के बाद कोई ऐसा कोर्स करना चाह रहे हैं जो आपको एक सफल कैरियर की ओर ले कर जाए तो आप सिविल इंजीनियर बन सकते हैं। लेकिन अगर आपको यह नहीं पता कि सिविल इंजीनियर आप किस प्रकार बन सकते हैं तो हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। 

सिविल इंजीनियर क्या होता है? (What is  Civil Engineer In Hindi)

एक सिविल इंजीनियर वह होता है जो इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े हुए कार्य करता है और घर, बिल्डिंग, रोड, बांध, पुल, हाईवे जैसे कंस्ट्रक्शन से संबंधित कामों को करता है। दुनिया के किसी भी देश के लिए उसका इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है और सिविल इंजीनियर इसमें बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इस क्षेत्र में वे उम्मीदवार कैरियर बनाते हैं जिनको कंस्ट्रक्शन फील्ड में काम करना पसंद होता है। यहां जानकारी के लिए बता दें कि सिविल इंजीनियर बनने के लिए आपको पहले सिविल इंजीनियरिंग का कोर्स करना होता है और यह कोर्स आप 12वीं के बाद कर सकते हैं। साथ ही यह भी जान लीजिए कि 12वीं के बाद आप सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में डिप्लोमा या फिर डिग्री कोर्स कर सकते हैं।  

सिविल इंजीनियरिंग कोर्स लिस्ट (Civil Engineering Course List)

सिविल इंजीनियरिंग में आप निम्नलिखित कोर्स में दाख़िला ले सकते हैं-

  • बीटेक इन सिविल इंजीनियरिंग (B Tech in civil engineering)
  • बीई इन सिविल इंजीनियरिंग (B E in civil engineering)
  • ग्रेजुएशन इन सिविल इंजीनियरिंग (Graduation in civil engineering)
  • डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग (Diploma in civil engineering)

सिविल इंजीनियर बनाने के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए (Civil Engineer Eligibility)

अगर कोई कैंडिडेट सिविल इंजीनियरिंग में अपना कैरियर बनाना चाहता है तो उसमें निम्नलिखित योग्यताएं होनी चाहिए- 

  • कैंडिडेट ने किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से 12 वीं कक्षा विज्ञान वर्ग से की हो। 
  • कैंडिडेट ने 12वीं में फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथमेटिक्स जैसे विषयों में पढ़ाई की हो। 
  • उम्मीदवार के 12वीं कक्षा में 60% तक अंक होने चाहिए। 

सिविल इंजीनियरिंग कोर्स के लिए प्रवेश प्रक्रिया क्या है (Admission process for civil engineering course)

जो छात्र 12वीं के बाद सिविल इंजीनियर बनना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें काफी मेहनत करनी होगी क्योंकि इसकी पढ़ाई करने के लिए आपको पहले किसी शीर्ष कॉलेज में प्रवेश लेना होगा और आपको एडमिशन केवल तभी मिल सकेगा जब आप सिविल इंजीनियरिंग के लिए आयोजित प्रवेश परीक्षा में सफल हो जाएंगे जैसे आईआईटी (IIT), एआईईईई (AIEEE) आदि। 

इसके अलावा कई परीक्षाएं राज्य स्तर पर भी आयोजित की जाती हैं और आप चाहे तो उसमें भी शामिल हो सकते हैं। हालांकि वहीं कुछ संस्थान व कॉलेज ऐसे भी हैं जो सिविल इंजीनियरिंग में कैंडिडेट को डायरेक्ट दाखिला दे देते हैं लेकिन इन संस्थानों से केवल वही छात्र पढ़ाई कर सकते हैं जिनके पास पैसों की कमी ना हो क्योंकि इनमें फीस काफी अधिक होती है। वैसे अगर आप सिविल इंजीनियरिंग कोर्स के लिए आयोजित प्रवेश परीक्षा को पास कर लेते हैं तो उसके बाद आपको भारत के किसी भी अच्छी संस्थान में एडमिशन मिल जाता है। 

भारत में टॉप 10 सिविल इंजीनियरिंग कॉलेजों के नाम (Top 10 Civil Engineering Colleges in India)

भारत में सिविल इंजीनियरिंग कोर्स के लिए बहुत सारे कॉलेज एवं संस्थान है जहां पर बहुत ही उत्कृष्ट शिक्षा दी जाती है। निम्नलिखित हम आपको भारत के टॉप 10 सिविल इंजीनियरिंग कॉलेजों के नाम बता रहे हैं जो कि इस प्रकार से हैं-

  1. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, न्यू दिल्ली (Indian Institute of Technology, New Delhi)
  2. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, मुंबई (Indian Institute of Technology, Mumbai)
  3. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, अहमदाबाद (Indian Institute of Technology, Ahmedabad)
  4. बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, रांची (Birla Institute of Technology, Ranchi)
  5. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलोर (Indian Institute of science, Bangalore)
  6. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट एंड रिसर्च, न्यू दिल्ली (National Institute of construction management and research, New Delhi)
  7. वीरमाता जीजाबाई टेक्निकल इंस्टीट्यूट, मुंबई (VeerMata Jijabai Technical Institute, Mumbai)
  8. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, श्रीनगर (National Institute of Technology, Srinagar)
  9. तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद  (Teerthaker Mahaveer University, Moradabad)
  10. गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक तमिल नाडु, लखनऊ, दिल्ली, मुंबई (Government Polytechnic Tamil Nadu, Lucknow, Delhi, Mumbai)

सिविल इंजीनियरिंग कोर्स फीस (civil engineering course fees)

अब अगर आपके मन में यह सवाल आ रहा है कि इस कोर्स को करने के लिए आपको कितनी फीस का भुगतान करना पड़ सकता है तो आपकी जानकारी के लिए हम बता दें कि इस कोर्स की फीस का भुगतान इस बात के ऊपर सबसे अधिक निर्भर करता है कि आप निजी संस्थान से कोर्स कर रहे हैं या फिर किसी सरकारी संस्थान से क्योंकि हर संस्थान की फीस अलग-अलग होती है। 

वैसे हम आपको बता दें कि आमतौर पर सिविल इंजीनियरिंग कोर्स के लिए किसी भी उम्मीदवार को 50 हजार रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक की फीस हर वर्ष देनी पड़ती है और कहीं कहीं पर यह फीस कम या अधिक हो सकती है क्योंकि फीस पूरी तरह से कॉलेज के ऊपर डिपेंड करती है। 

सिविल इंजीनियरिंग कोर्स के बाद प्राइवेट सेक्टर में जॉब्स (Jobs in private sector after civil engineering course)

जब आप सिविल इंजीनियरिंग का कोर्स पूरा कर लेंगे तो उसको करने के बाद आपको इस फील्ड में जॉब की परेशानी बिल्कुल भी नहीं होगी क्योंकि इस क्षेत्र में बहुत सारी जॉब उम्मीदवार को मिल जाती है। अगर आप किसी प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको बता दें कि बहुत सारे ऐसे विभाग हैं जहां पर आप साइट इंजीनियर, कंस्ट्रक्शन इंजीनियर, स्ट्रक्चरल इंजीनियर इत्यादि की नौकरी कर सकते हैं। 

सिविल इंजीनियरिंग कोर्स के बाद गवर्नमेंट सेक्टर में जॉब्स (Jobs in government sector after civil engineering course)

जैसा कि हमने ऊपर बताया कि सिविल इंजीनियरिंग कोर्स करने के बाद आपको नौकरी करने के बहुत सारे अवसर मिल जाते हैं तो जिस प्रकार आप प्राइवेट सेक्टर में आसानी से जॉब कर सकते हैं उसी प्रकार आपको गवर्नमेंट सेक्टर में भी नौकरी करने के चांस मिल सकते हैं यहां बता दें कि गवर्नमेंट सेक्टर में हर साल सिविल इंजीनियर के पदों पर बहुत सारी भर्तियां निकलती है तो आप उन पदों पर कार्य करने के लिए आवेदन दे सकते हैं। 

यहां यह भी बता दें कि सरकार के अंतर्गत सिविल इंजीनियर राष्ट्र और राज्य के विभिन्न पब्लिक विभागों में कार्य कर सकते हैं और इसके अलावा रेलवे एवं मिलिट्री के कंस्ट्रक्शन विभागों में भी काम कर सकते हैं। 

सिविल इंजीनियर के कार्य (civil engineer work)

जब कोई कैंडिडेट सिविल इंजीनियर बन जाता है तो उस पर काफी जिम्मेदारियां होती हैं क्योंकि देश का इंफ्रास्ट्रक्चर भी काफी हद तक उसके ऊपर निर्भर करता है। निम्नलिखित हम आपको कुछ कार्यो के बारे में बता रहे हैं जो एक सिविल इंजीनियर द्वारा किए जाते हैं-

  • जिस जगह पर कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है वहां पर जितने भी कांट्रेक्टर, शिल्पकार आदि कार्य करते हैं उनको टेक्निकल सलाह देने का काम सिविल इंजीनियर का ही होता है।
  • जब कोई कंस्ट्रक्शन कार्य शुरू होता है तो कंस्ट्रक्शन साइट को स्थापित करने के साथ-साथ उसका सर्वेक्षण और लेवलिंग का काम करना। 
  • सही कैलकुलेशन की जानकारी के लिए प्रोजेक्ट मैप और अन्य सामग्री की जांच करने का कार्य।
  • कंस्ट्रक्शन के लिए जो सामान इस्तेमाल हो रहा है उसकी क्वालिटी की जांच और यह भी सुनिश्चित करना कि कार्य निर्धारित निर्देशों के अनुसार ही हो रहा है या नहीं।
  • किसी भी प्रोजेक्ट पर लगने वाली लागत पर अपनी स्वीकृति या अस्वीकृति देना और साथ ही प्रोजेक्ट के लिए एक उचित लागत वाला प्रपोजल बनाना।
  • इसके अलावा उसका यह भी कार्य होता है कि वह सभी डिजाइनो का प्रबंधन, देखरेख करने के साथ-साथ उनके बारे में क्लाइंट या फिर आर्किटेक्ट को जानकारी भी दे।  
  • किसी भी प्रोजेक्ट के लिए उस पर कार्य करने वाले मजदूर, ठेकेदारों, सुपरवाइजर, प्लानर आदि के संपर्क में रहना। 
  • अपने क्लाइंट, आर्किटेक्ट, सर्वेयर इत्यादि से संपर्क में रहना और इस बात की जानकारी रखना कि कार्य कहां तक हो गया है इसके अलावा विभिन्न कार्य संबंधी मीटिंग करना। 
  • जिस साइट पर काम चल रहा है वहां पर काम करने वाले लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के मामलों को मजबूत करना। 

सिविल इंजीनियर का वेतन कितनी होती है? (What is the salary of civil engineer)

जब कोई छात्र सिविल इंजीनियर बन जाता है तो उसको नौकरी के लिए बिल्कुल भी समस्या नहीं होती है और वह शुरू में ही किसी भी प्राइवेट या गवर्नमेंट कंपनी में काम कर सकता है। यहां बता दें कि एक सिविल इंजीनियर शुरू में 10 हजार रुपए से लेकर 20 हजार रुपए तक कमा सकता है। इसके अलावा जब उसे कुछ अनुभव हो जाता है तो तब उसको हर महीना 50 हजार रुपए तक का वेतन भी मिल सकता है। 

निष्कर्ष 

दोस्तों यह था हमारा आज का आर्टिकल सिविल इंजीनियर (Civil Engineer) कैसे बनें। इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको सिविल इंजीनियरिंग के कोर्स के बारे में सारी जानकारी उपलब्ध कराई है और हमने यह बताया कि आपको सिविल इंजीनियर बनने के लिए क्या-क्या करना पड़ेगा। साथ ही हमने आपको यह भी जानकारी दी कि इस कोर्स को करने के लिए आपको कितनी फीस देनी पड़ सकती है और भारत के टॉप सिविल इंजीनियरिंग संस्थानों के नाम भी हमने आपको बताएं।

इसके साथ-साथ हमने आपको यह भी जानकारी दी कि एक सिविल इंजीनियर बनने के बाद प्राइवेट सेक्टर और गवर्नमेंट सेक्टर में कौन-कौन सी जॉब आप कर सकते हैं एवं हमने आपको यह भी बताया कि हर महीने एक सिविल इंजीनियर को शुरुआत में कितनी सैलरी मिल सकती है।

हमें पूरी उम्मीद है कि हमारा यह आर्टिकल आपके लिए काफी लाभदायक रहा होगा इसलिए हमारी आपसे रिक्वेस्ट है कि आप हमारे इस आर्टिकल को सोशल मीडिया पर अन्य लोगों के साथ भी शेयर करें ताकि यदि 12वीं के बाद कोई छात्र सिविल इंजीनियर बनना चाहता है तो वह भी अपने सपने को साकार कर सके।

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