जेमोलॉजिस्ट (Gemologist) कैसे बनें?

नमस्कार! आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे जेमोलॉजिस्ट (Gemologist) कैसे बनें। हमारे देश भारत में ऐसे बहुत सारे प्रोफेशनल कोर्स हैं जिनको छात्र अपनी रूचि के अनुसार करके अपना कैरियर बनाते हैं और उनमें से ही एक कोर्स है जेमोलॉजिस्ट जिसमें काम करके एक बेहतरीन भविष्य बनाया जा सकता है।

देखा जाए तो यह पेशा हमारे देश में सबसे प्राचीनतम पेशों में से एक है जिसमें काफी सफलतापूर्वक कैरियर बनाया जा सकता है। अगर आप भी ज्योतिषी में रुचि रखते हैं और 12वीं के बाद इस क्षेत्र में जाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको इससे संबंधित महत्वपूर्ण बातों के बारे में पता होना जरूरी है। इसीलिए सारी जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे आज के इस लेख को सारा पढ़ें। 

जेमोलॉजिस्ट क्या होता है (what is Gemologist in Hindi) 

यहां आपको सबसे पहले जानकारी के लिए बता दें कि जेमोलॉजिस्ट वह होता है जो विभिन्न प्रकार के रत्नों की पहचान करने के साथ-साथ उनकी अनुकूलता के बारे में भी अपनी राय देता है। पुराने समय में यह पेशा अधिकतर वही लोग अपनाते हैं जिनके पूर्वज पीढ़ी दर पीढ़ी राजा महाराजाओं के टाइम से ही इस काम को करते चले आ रहे हैं लेकिन मौजूदा समय में अगर किसी कैंडिडेट को जेमोलॉजिस्ट बनने की ख्वाहिश है तो वह इसके लिए कोर्स कर सकता है।

इस प्रकार छात्र हीरे, पन्ना, माणिक, नीलम जैसे बेशकीमती और कम मूल्य वाले रत्नों के बारे में गहन अध्ययन करते हैं और इसीलिए उनको रत्नों का ज्ञाता भी कहा जाता है। जब छात्र अपना कोर्स पूरा कर लेते हैं तो तब उन्हें डायमंड ग्रेडर, ज्वेलरी डिजाइनर, जेम पॉलिशर्स, जेमस्टोन ऑक्शन मैनेजर, जेम ऐसेटर, स्टोन सेटर के रूप में काम करने का मौका मिलता है। 

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जेमोलॉजिस्ट बनने के लिए प्रक्रिया क्या है

हमारे देश भारत में रत्नशास्त्र विशेषज्ञ बनने के लिए 12वीं कक्षा पास करनी जरूरी है और उसके बाद कैंडिडेट किसी भी डिग्री, डिप्लोमा या फिर सर्टिफिकेट कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। इसके साथ-साथ आपको बता दें कि जो विद्यार्थी जेमोलॉजी में एडमिशन लेना चाहते हैं उन्हें इसके लिए किसी भी तरह की प्रवेश परीक्षा में शामिल होने की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि देशभर में इसके लिए बहुत सारे संस्थान है जहां पर डायरेक्ट दाखिला मिल जाता है। 

योग्यता 

  • छात्र ने 12वीं कक्षा पास की है।
  • कैंडिडेट को जेमोलॉजिस्ट बनने में रुचि होनी चाहिए। 
  • विद्यार्थी को विभिन्न रत्नों के बारे में अध्ययन करने की इच्छा होनी चाहिए। 
  • कैंडिडेट में पावर ऑफ ऑब्जरवेशन होनी चाहिए एवं रंगो के प्रति संवेदनशीलता भी होनी आवश्यक है। 

आयु सीमा 

  • कैंडिडेट की आयु कम से कम 18 साल तक होनी आवश्यक है। 

शारीरिक योग्यता

  • कैंडिडेट की आंखों की रोशनी कमजोर नहीं होनी चाहिए।
  • उम्मीदवार मानसिक रूप से मजबूत होना चाहिए जिससे कि वह किसी भी तरह के तनाव और दबाव को सहन कर सके। 

जेमोलॉजिस्ट बनने के कैरियर संभावनाएं क्या है 

जो छात्र कड़ी मेहनत करके अपने कौशल को निखारते हैं उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार नौकरी के अवसर मिलते हैं जिनकी जानकारी निम्नलिखित है

  • ज्वेलरी बिजनेस मैनेजमेंट कंपनी में नौकरी।
  • अनेकों प्रकार की जेम परीक्षण प्रयोगशालाओं में काम कर सकता है। 
  • खुदरा ज्वेलरी व्यवसाय कर सकते हैं।
  • ज्वेलरी निर्माण
  • ज्वेलरी की दुकानों और कारखानों में काम कर सकते हैं।
  • मणि पॉलिशर बन सकते हैं। 
  • रत्न नीलामी प्रबंधक बन सकते हैं।

वेतन 

जो छात्र रत्नशास्त्र विशेषज्ञ बन जाते हैं उन्हें उनके कौशल, एक्सपीरियंस और ज्ञान के अनुसार वेतन मिलता है जो कि समय बीतने के साथ और भी अधिक बढ़ जाता है। वैसे अगर हम भारत में औसत जेमोलॉजिस्ट का वेतनमान देखें तो उसे हर महीने 15 हजार रुपए से लेकर 20 हजार रुपए तक का सैलरी पैकेज मिल जाता है जो कुछ वर्षों का अनुभव हासिल करने के बाद काफी अधिक बढ़ जाता है। 

जेमोलॉजिस्ट के कार्य 

एक जेमोलॉजिस्ट के अनेकों कार्य होते हैं जिनको बहुत ही कुशलता और कौशल के साथ काम करना होता है जैसे कि

  • रत्नों का श्रेणीकरण करना।
  • जेमोलॉजिस्ट रत्नों की पहचान करके उनकी कटिंग करने का काम करता है। 
  • श्रेष्ठ और उत्कृष्ट रत्नों की पहचान करना। ‌
  • रत्नों की पॉलिशिंग और उनकी ग्रेडिंग करना। 
  • ज्वेलर्स को रत्नों के बारे में सलाह देने का काम करते हैं और दूसरी धातुओं के बारे में उनकी कंपैटिबिलिटी के बारे में भी जानकारी देते हैं। 
  • यदि लोग उनसे सलाह लें तो उन्हें भी एडवाइस देने का काम करना। 

निष्कर्ष

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे जेमोलॉजिस्ट (Gemologist) कैसे बनें? इस लेख में हमने आपको बताया जेमोलॉजिस्ट क्या होता है और इसके लिए कितनी योग्यता की आवश्यकता होती है। साथ-साथ हमने आपको यह जानकारी भी दी कि जेमोलॉजिस्ट बनने के बाद कैरियर संभावनाएं क्या क्या होती है।

इसके अलावा हमने यह भी बताया कि जब कोई कैंडिडेट जेमोलॉजिस्ट बन जाता है तो उसे हर महीने कितने रुपए तक का वेतनमान मिलता है और उसे रत्नशास्त्र विशेषज्ञ बनने के बाद कौन-कौन से कार्य करने होते हैं। इस तरह से हम कह सकते हैं कि आज के समय में अगर कोई व्यक्ति जेमोलॉजिस्ट बनना चाहता है तो उसे सफलता अवश्य मिलती है क्योंकि इस पेशे में लगातार तेजी के साथ वृद्धि हो रही है।

अगर आपको हमारे द्वारा दी गई सभी जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे अपने उन जानने वालों और दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें जो 12वीं के बाद इस पेशे में जाने के इच्छुक हैं।

Deepak Kumar

मेरा नाम दीपक कुमार हैं। मैं एक ऑथर और फाउंडर हूँ जो padhaiwale.in ब्लॉग वेबसाइट को चलाते है। मैं एक SEO Expert भी हूँ और मैं 10 साल से काम कर रहे हैं। मुझे SEO में Onpage SEO, Offpage SEO और Technical SEO का अनुभव हैं।

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