नमस्कार! दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कार्टोग्राफर कैसे बनें? यहां आपको बता दें कि आज के समय में बहुत सारे ऐसे छात्र हैं, जो कार्टोग्राफी के सेक्टर में जाना चाहते हैं। अगर आप भी इसी क्षेत्र में काम करने का मन बना चुके हैं, तो आपके लिए इससे जुड़ी हुई महत्वपूर्ण जानकारी जान लेना अत्यंत जरूरी है।
इसलिए आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको इस कोर्स से जुड़ी हुई सारी बातें डिटेल में बताएंगें। सही जानकारी हासिल करने के लिए हमारा यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें और जानें कि आप किस प्रकार 12 वीं के बाद इस क्षेत्र में जा सकते हैं।
कार्टोग्राफर क्या है (what is Cartographer in Hindi)
यहां आपको सबसे पहले जानकारी दे दें कि कार्टोग्राफर को मैप-मेकर के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसा प्रोफेशनल होता है जो विभिन्न प्रकार के मानचित्र चार्ट बनाने में एक्सपर्ट होता है। यहां बता दें कि विश्व के ग्लोबलाइजेशन की वजह से कार्टोग्राफर का महत्व बहुत ज्यादा बढ़ गया है। यहां बता दें कि मानचित्रकार का काम देशांतर, अक्षांतर, ऊंचाई के साथ-साथ दूरी जैसे स्थानिक मापो की इंफॉर्मेशन को इकट्ठा करना होता है।
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कार्टोग्राफर बनने के लिए प्रक्रिया क्या है
जो छात्र कार्टोग्राफर बनना चाहते हैं उन्हें चाहिए कि वह 12वीं कक्षा पास करने के बाद 3 साल के अंडर ग्रेजुएट कार्टोग्राफी कोर्स में एडमिशन ले लें। उसके बाद छात्र को चाहिए कि वह कार्टोग्राफी में मास्टर डिग्री कोर्स करें। इस तरह से फिर कैंडिडेट चाहे तो वह नौकरी के लिए आवेदन दे सकता है और अगर वह चाहे तो इस क्षेत्र में पीएचडी भी की जा सकती है।
योग्यता
- कैंडिडेट ने किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से कार्टोग्राफी में ग्रेजुएशन किया हो।
- या फिर कैंडिडेट ने कार्टोग्राफी में मास्टर डिग्री का कोर्स किया हो।
- या छात्र ने एमफिल या पीएचडी किया होना चाहिए।
आयु सीमा
- इस कोर्स में दाखिले के लिए कैंडिडेट की आयु कम से कम 17 साल से लेकर 18 साल के बीच में होनी चाहिए।
- इसके लिए अधिकतम आयु सीमा में छूट सरकार के नियम अनुसार आरक्षित श्रेणी के लिए रखी गई है।
कार्टोग्राफर बनने के कैरियर संभावनाएं क्या है
एक पेशेवर कार्टोग्राफर के लिए इस क्षेत्र में एंप्लॉयमेंट की बहुत ज्यादा संभावनाएं हैं। बता दें कि कैंडिडेट पब्लिक सेक्टर के अलावा प्राइवेट सेक्टर में भी काम कर सकता है। यहां बता दें कि मैप मेकर की आवश्यकता आर्किटेक्चर और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में भी काफी अधिक बढ़ गई है। इस तरह से आपको बता दें कि कार्टोग्राफी कोर्स करने के बाद कैंडिडेट को निम्नलिखित पदों पर नौकरी करने का अवसर मिलता है जैसे कि –
- मैपिंग असिस्टेंट
- जीआईएस कार्टोग्राफी असिस्टेंट
- जीआईएस एनालिस्ट कोऑर्डिनेटर
- मैपिंग साइंटिस्ट
- प्रोफेसर
- टेक्निकल सपोर्ट एनालिस्ट
- जीआईएस सेल्स मैनेजर
- इंटरनेट प्रोडक्ट सॉफ्टवेयर इंजीनियर
- एप्लीकेशन प्रोग्रामर
वेतन
इस इंडस्ट्री में काम करने वाले कैंडिडेट को शुरुआत में 15,000 से लेकर 20,000 रुपए तक का वेतन मिल जाता है। बता दें कि जब उसको इस क्षेत्र में काम करते हुए थोड़ा सा एक्सपीरियंस हासिल हो जाता है तो तब उसे हर महीने 50,000 या फिर उससे भी ज्यादा का सैलरी पैकेज मिल जाता है।
साथ ही आपको यह भी बता दें कि अगर किसी कैंडिडेट की नौकरी किसी दूसरे मुल्क में लग जाती है तो तब वहां उसे काफी ज्यादा सैलरी हर महीने मिल जाती है।
कार्टोग्राफर के कार्य
जो कैंडिडेट एक प्रोफेशनल कार्टोग्राफर के तौर पर काम करता है उसे इस पद पर रहते हुए जो कार्य करने होते हैं उसकी जानकारी निम्नलिखित इस प्रकार से है-
- डेटाबेस और कंप्यूटर की सहायता से डिजिटली मैप तैयार करना।
- जीआईएस और फोटोग्रामिट्रिक इक्विपमेंट्स की सहायता से मैप की एक्यूरेसी निर्धारित करना।
- नक्शा, मानचित्र और ग्लोब बनाना और उनका अध्ययन करना।
- भूमि का सर्वे करना जिससे कि मैप्स बनाया जा सके।
- बड़े-बड़े क्षेत्रों के मानचित्र तैयार करना और उनका सर्वेक्षण करना।
- भौगोलिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जानकारी का संकलन करना।
- एक मैप मेकर के तौर पर किसी भी भौगोलिक क्षेत्र की सतह को मापना, उसका नक्शा बनाना और चार्ट बनाना।