12वीं के बाद इंजीनियरिंग कोर्स करें

इंजीनियरिंग कोर्सेज एक बहुत ही फेमस और वैकल्पिक कोर्स है | यह आपके जीवन की करियर को एक नयी ऊचाई देता है | निश्चित रूप से ये कोर्स आपके जीवन को उत्कृष्ट करियर बनाने मे मदद करेंगे |

भारत में इंजीनियरिंग कोर्सेज की कोई कमी नहीं है | आप अपने रूची, पसंद, जुनून के आधार पर किसी एक कोर्स में नामंकर करा सकते है |कुछ इंजीनियरिंग कोर्सेज निश्चित रूप से, थोड़ी कठिन है पर अगर आप में लगन और जुनून है तो कोई कोर्स कठिन नहीं लगता है |

भारत में इंजीनियरिंग कोर्से करने के लिए संस्थानों की कोई कमी नहीं है | जहाँ आप अपना नामांकन करा सकते है |तो इसलिए हम कुछ इंजीनियरिंग कोर्सेज को सूची बना रखा है उस पर नजर डालते है |

सिविल इंजीनियरिंग कोर्स

सिविल इंजीनियरिंग यह एक पेशेवर पाठ्यक्रम है इसमे भौतिक और प्रकिर्तिक का ध्यान रखते हुए मकान , ब्रिज , multistory बिल्डिंग, फ्लाई ओवर, और कई तरह के कंस्ट्रक्शन निर्माण, soil टेस्ट और प्लानिंग , डिज़ाइनिंग एंड मेंटेनेंस का काम सिखाया जाता है |

इस कोर्स को एक व्यापक कोर्स के रूप मे देखा जाता है क्योंकि इस कोर्स को कर लेने के बाद आगे एक उज्ज्वल भविष्य है | सिविल इंजीनियरिंग सबसे पुराने इंजीनियरिंग कोर्सेज में से एक है |

इसमें आपको पानी के काम, सीवर, बांध, बिजली, ट्रांसमिशन टावर, रेल-सड़क राजमार्ग, पुल, सुरंग, नहर, नदी, यातायात नियंत्रण, बड़े परिवहन, हवाई मार्ग शामिल है | ये व्यवसाय के रूप मे जाना जाता है | जो पेशेवर इस काम को करते है उसे सिविल इंजिनियर कहते है |

यदि कोई सिविल इंजीनियरिंग के लिए प्लानिंग कर रहे है तो उनके पास दो आप्शन अवेलेबल है |2 साल का डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग में कर सकते है या 4 साल का फुल टाइम सिविल इंजीनियरिंग.

योग्यता:

  • डिप्लोमा सिविल इंजीनियरिंग: 12वीं Minimum – 10th 45% with science.
  • बीई / बी-टेक – सिविल इंजीनियरिंग: Minimum – 12+2 pass with physics, chemistry, and math’s.

मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स

मैकेनिकल इंजीनियरिंग एक बहुत ही व्यापक कोर्स है इसमें आपको मशीनों के डिज़ाइन, निर्माण और उपयोग से संबंधित चीजों को सिखाया जाता है और इस क्षेत्र में डायनेमिक्स, थर्मोडायनामिक्स, मेटेरियल्स साइंस, स्ट्रक्चर एनालिसिस के साथ-साथ बिजली सहित कोर क्षेत्रों के समझ की आवश्यकता होती है |

मैकेनिकल इंजीनियरिंग कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक, मैक्रोइलेक्ट्रॉनिक सिस्टम, ऑटोमोबाइल, रोबोटिक्स और स्वचालन ऐसे अनेको विस्तृत श्रृंखला में मह्त्वपूर्ण भूमिका निभाते है |

मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्रों को विभिन्न विकल्पों की अनुमति देती है | जैसे कि एयरोस्पेस इंजीनियर, ऑटोमोटिव इंजीनियर, सीएडी तकनीशियन, कॉन्ट्रैक्टिंग सिविल इंजीनियर, कंट्रोल एंड इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियर, मेंटेनेंस इंजीनियर, मैकेनिकल इंजीनियर, न्यूक्लियर इंजीनियर आदि।

योग्यता:

  • मैकेनिकल इंजीनियरिंग: UG और PG स्तर पर मैकेनिकल इंजीनियरिंग के मूल पात्रता आवश्यक है |
  • अंडरग्रेजुएट: 10+2 परीक्षा 60% से उत्तीर्ण होनी चाहिए मुख्य विषयों के साथ (भौतिकी, केमिस्ट्री, गणित)
  • पोस्टग्रेजुएट: मैकेनिकल इंजीनियरिंग बीटेक की डिग्री पूरी होनी चाहिए ।
  • नोट: पात्रता मानदंड कॉलेज से कॉलेज अलग-अलग हो सकता है

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कोर्स

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के एक इंजीनियरिंग अनुशासन है जो डिवाइस और प्रणाली का अध्ययन, डिजाइन और बिजली, इलेक्ट्रॉनिक्स और विद्युत चुंबकत्व के आवेदन के उपयोग के साथ जुड़ा हुआ है |

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग अब दूरसंचार, कंप्यूटर इंजीनियरिंग, पावर इंजीनियरिंग, रेडियो-आवृत्ति इंजीनियरिंग, सिग्नल प्रोसेसिंग, इंस्ट्रूमेंटेशन और इलेक्ट्रॉनिक्स सहित कई क्षेत्रों में बांटा हुआ है।

जैसे कि हार्डवेयर इंजीनियरिंग, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक्स एंड वेव्स, रिन्यूएबल एनर्जी, माइक्रोवेव इंजीनियरिंग, नैनो टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रोकैमिस्ट्री, मेक्ट्रोनिक्स, और इलेक्ट्रिकल मटेरियल साइंस सहित बड़ी संख्या में अन्य इंजीनियरिंग शाखाओं के साथ ओवरलैप होते हैं।इलेक्ट्रिकल इंजीनियर उद्योगों की एक विस्तृत भाग में काम करते हैं

योग्यता:

  • इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग: UG और PG स्तर पर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के मूल पात्रता आवश्यक है |
  • अंडरग्रेजुएट: 10+2 परीक्षा 50% से उत्तीर्ण होनी चाहिए मुख्य विषयों के साथ (भौतिकी, केमिस्ट्री, गणित)
  • पोस्टग्रेजुएट: उम्मीदवारों को इलेक्ट्रिकल इंजीनियर बीटेक की डिग्री पूरी होनी चाहिए ।
  • नोट: पात्रता मानदंड कॉलेज से कॉलेज अलग-अलग हो सकता है ।

केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स

केमिकल इंजीनियरिंग इंजीनियरिंग का एक हिस्सा है जो विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिकी, गणित, जीव विज्ञान और वित्तीय मामलों के मानकों का प्रभावी ढंग से उत्पादन, संरचना, शिपिंग और परिवर्तन जीवन शक्ति और सामग्रियों का उपयोग करता है।

केमिकल इंजिनियर प्लांट संरचना और गतिविधि के कई हिस्सों से जुड़े हैं, जिसमें लाभ और हानि का मूल्यांकन, प्रक्रिया संरचना और परीक्षा, प्रदर्शन, नियंत्रण विनिर्माण, रासायनिक प्रतिक्रिया डिजाइनिंग, परमाणु डिजाइनिंग, विकास विशिष्ट और काम के दिशानिर्देश शामिल हैं।के मिकल इंजीनियर आमतौर पर केमिकल इंजीनियरिंग या प्रोसेस इंजीनियरिंग डिग्री रखते हैं।

योग्यता:

  • केमिकल इंजीनियरिंग: अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट स्तर पर केमिकल इंजीनियरिंग के मूल पात्रता आवश्यक है |
  • अंडरग्रेजुएट: 10+2 परीक्षा 50% से उत्तीर्ण होनी चाहिए मुख्य विषयों के साथ (भौतिकी, केमिस्ट्री, गणित, जीव विज्ञान)
  • पोस्टग्रेजुएट: उम्मीदवारों को केमिकल इंजीनियरिंग बीटेक की डिग्री पूरी होनी चाहिए ।
  • नोट: पात्रता मानदंड कॉलेज से कॉलेज अलग-अलग हो सकता है ।
  • कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग कोर्स

कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग

कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग (CSE) कंप्यूटिंग के कई पहलुओं में शामिल है, जो कंप्यूटर प्रोग्रामिंग और नेटवर्किंग की मूल बातों पर जोर देता है, जिसमें कई विषयों का समावेश है।

यह कुछ विश्वविद्यालयों में एक शैक्षणिक कार्यक्रम है जो कंप्यूटर इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस के क्षेत्रों को एकीकृत करता है, उपकरण और प्रोग्रामिंग संरचना पर जानकारी प्रदान करता है।

योग्यता:

  • कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग: अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट स्तर पर कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग के मूल पात्रता आवश्यक है |
  • अंडरग्रेजुएट: 10+2 परीक्षा 60% से उत्तीर्ण होनी चाहिए मुख्य विषयों के साथ (भौतिकी, केमिस्ट्री, गणित)
  • PG: उम्मीदवारों को कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग बीटेक की डिग्री पूरी होनी चाहिए ।
  • नोट: पात्रता मानदंड कॉलेज से कॉलेज अलग-अलग हो सकता है ।

Deepak Kumar

मेरा नाम दीपक कुमार हैं। मैं एक ऑथर और फाउंडर हूँ जो padhaiwale.in ब्लॉग वेबसाइट को चलाते है। मैं एक SEO Expert भी हूँ और मैं 10 साल से काम कर रहे हैं। मुझे SEO में Onpage SEO, Offpage SEO और Technical SEO का अनुभव हैं।

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